नॉन वेज के शौक से हुई किडनी खराब
नमस्कार, मेरा नाम शोमित बनर्जी है और मैं पश्चिम बंगाल के हुगली जिले का रहने वाला हूँ। मुझे बचपन से ही नॉन वेज खाने का बहुत ज्यादा शौक था, लेकिन मेरा ये शौक मेरी किडनी पर भारी पड़ गया। दो साल पहले मेरी किडनी ज्यादा नॉन वेज खाने की वजह से खराब हो गई थी, जिसकी वजह से मुझे बहुत सी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा था। मैंने अपनी खराब हुई किडनी को ठीक करने के लिए डॉक्टर की सलाह मानते हुए कई महीनों तक डायलिसिस भी करवाया था, लेकिन उससे मुझे कोई फायदा तो मिला नहीं उल्टा मेरी हालत और ज्यादा खराब हो गई। उस दौरान मेरी हालत इतनी इतनी ज्यादा खराब हो गई थी कि मुझे किडनी ट्रांसप्लांट की ओर रूख करना पड़ा था। पर आज डॉ. पुनीत धवन के कारण मैं इस खतरनाक ऑपरेशन से बच गया और केवल आयुर्वेदिक दवाओं से ही मैं ठीक हो गया और आज एक स्वस्थ जीवन जी रहा हूँ।
जैसा कि मैंने आपको शुरुआत में बताया कि मेरी किडनी नॉन वेज खाने की वजह से खराब हुई थी, अब बहुत से लोगो को इस बात पर यकीन ही नहीं होगा कि आखिर नॉन वेज की वजह से किडनी कैसे खराब हो सकती है? दरअसल, मैं बचपन से ही नॉन वेज को अपने रोजाना के खाने में किसी ना न किसी रूप में शामिल करता आ रहा था, जिसकी वजह से मेरा ब्लड प्रेशर अक्सर हाई ही रहता था। डॉक्टर ने मुझे अपनी डाइट में बदलाव करने की सलाह दी ताकि मेरा ब्लड प्रेशर आगे ज्यादा ना बढ़े। मैंने शुरुआत में तो डॉक्टर की इस बात पर कोई ध्यान नहीं दिया जिससे मेरा ब्लड प्रेशर और ज्यादा हाई रहने लग गया। अब मैंने ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल करने के लिए डाइट में तो कोई बदलाव किया नहीं, पर दवाएं लेनी शुरू कर दी जिससे मेरी किडनी बुरा असर पड़ने लगा। दवाएं लेने, ज्यादा प्रोटीन लेने और हाई ब्लड प्रेशर की वजह से मेरी किडनी पर लगातार दबाव पड़ता जा रहा था, जिसके कारण मेरी किडनी खराब हो गई।
किडनी खराब होने के दौरान मुझे इसके कई लक्षण दिखाई देने लग गये थे, मुझे पेशाब आना कम होने लगा गया, पेशाब से बदबू आने लगी और पेशाब करते समय जलन भी होने लगी। इसी के साथ मेरे पैरों और कमर के आसपास काफी सूजन आने लग गई, जिसकी वजह से मुझे चलने में परेशानी होने लग गई। भूख लगना बंद होने लगी, दिन में कई बार उल्टियाँ आने लगी और ठंड के साथ तेज बुखार भी रहने लग गया। इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मैं जो भी दवाएं लेता उनसे मुझे कोई आराम नहीं मिल रहा था, उल्टा मेरी हालत लगातार खराब होती जा रही थी। फिर एक दिन जब मेरी तबियत ज्यादा खराब हुई तो घर वालों ने मुझे एक बड़े अस्पताल में एडमिट करवा दिया, जहाँ डॉक्टर ने मुझे जल्द से जल्द कई टेस्ट करवाने के लिए कहा। मैंने उसी समय डॉक्टर के बताएं हुए सभी टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें डॉक्टर को दिखाया। मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने मुझसे कहा कि ज्यादा नॉन वेज खाने की वजह से मेरी किडनी काफी ज्यादा खराब हो चुकी है, जिसे फ़िलहाल डायलिसिस से ही ठीक करवाया जा सकता है। मैंने डॉक्टर के कहे अनुसार अगले दिन से ही डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया, जिससे मुझे काफी तकलीफ हुई।
लेकिन मैंने ठीक होने के लिए इस तकलीफ को सहन किया और अगले 5 महीने तक डायलिसिस को जारी रखा, पर फायदा कुछ नहीं मिला। अब डॉक्टर मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कहने लगे थे, जिसके लिए मैंने हामी भर दी थी और तैयारी भी शुरू कर चूका था। लेकिन इसी दौरान मेरे एक रिश्तेदार ने मुझे दिल्ली के Karma Ayurveda Hospital ayurvedic upchar लेने की सलाह दी। उन्होंने मुझे बताया कि यहाँ पर बिना डायलिसिस और बिना ट्रांसप्लांट के ही किडनी ठीक की जाती है। मैंने उनकी बात मानी मैं कर्मा आयुर्वेदा चला गया, जहाँ मेरी मुलाकात हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. पुनीत धवन से हुई। मैंने उनको अपनी सभी रिपोर्ट्स दिखाई, जिन्हें देखने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि ट्रांसप्लांट की जरूरत नहीं है बस समय से आयुर्वेदिक दवाएं लेने से ही मेरी किडनी ठीक हो जायगी। मैंने घर आकर डॉ. पुनीत धवन एक कहे अनुसार उनकी दी हुई आयुरेव्दिक दवाएं लेनी शुरू कर दी, जिससे मुझे बहुत तेजी से अपनी सेहत में सुधार नज़र आने लग गये जिससे मेरा ट्रांसप्लांट टल गया। मैंने दवाएं लेनी जारी रखी, जिससे कुछ ही महीनों में मेरी किडनी एक दम ठीक हो गई और इसी वजह से आज मैं एक दम स्वस्थ जीवन जी रहा हूँ।
Comments
Post a Comment