डॉ. पुनीत धवन ने प्रोटीन लोस की समस्या से दिलवाया छुटकारा
नमस्कार, मेरा नाम आदिल खान है और मैं बनारस का रहने वाला हूँ। दो साल पहले तक मुझे नॉन वेज खाने का बहुत ज्यादा शौक था, लेकिन अब नहीं है क्योंकि मुझे इसकी वजह से किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझना पड़ा था। जब मेरी किडनी खराब हुई तो डॉक्टर ने मुझसे कहा था कि बस डायलिसिस करवाने से मैं ठीक हो जाऊंगा, पर ऐसा कुछ हुआ नहीं। डायलिसिस करवाने से मेरी तबियत इतनी ज्यादा खराब हो चुकी थी कि मेरे बचने की कोई उम्मीद ही नहीं थी। लेकिन डॉ. पुनीत धवन की आयुर्वेदिक दवाओं की वजह से आज मैं एक दम स्वस्थ हूँ, आज मैं आपको इसी बारे में बताने जा रहा हूँ कि आखिर कैसे मेरी खराब हुई किडनी ठीक हो सकी और कैसे मेरा डायलिसिस बंद हुआ।
मुझे बचपन से ही नॉन वेज खाने का बहुत ज्यादा शौक था। मैंने रोज नॉन खाता था, अब चाहे वो बाहर से खाना हो या फिर घर पर बनाना हो, मुझे हर सूरत में अपने खाने में नॉन वेज चाहिए होता था। ज्यादा नॉन वेज खाने से मेरा पेट अक्सर खराब ही रहता था, जिसकी वजह से मुझे कई बार हॉस्पिटल में अभी एडमिट होना पड़ता था। हॉस्पिटल में डॉक्टर मुझे हमेशा कम नॉन वेज खाने की सलाह देते थे पर मैं उनकी बात पर ध्यान ही नहीं देता था बस दवाएं खा लेता था। अब जब भी मेरा पेट खराब होता तो दवा ले लेता था। कॉलेज के दिनों तक मुझे नॉन वेज खाने की वजह से मुझे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहने लगी थी, जिसको काबू करने के लिए भी मैं दवाएं ले रहा था पर डाइट में कोई बदलाव नहीं कर रहा था और इसी वजह से मेरी किडनी खराब हुई। किडनी खराब होने से करीब महिना भर पहले मैंने देखा कि मेरे पेशाब में झाग बनने लगा है, जिसको मैंने शुरुआत में नज़रअंदाज़ करने लगा जो कि आगे बढती चली गई।
हफ्ते भर में मुझे झागदार पेशाब आने के साथ-साथ पेशाब से बदबू आने लगी, पेशाब का रंग बदल गया और पेशाब करते हुए जलन होने लग गई। मैंने डॉक्टर से इस बारे में बात कि तो उन्होंने मुझसे कहा कि कुछ दवाएं लेने से इस समस्या में आराम मिल जायगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ उल्टा मेरी हालत और ज्यादा बढ़ने लग गई। अब मुझे पेशाब की समस्याओं के साथ शरीर में सूजन आने लग गई और ब्लड प्रेशर हाई रहने लग गया। इन दिनों मुझे खाना खाने का बिलकुल भी दिल नहीं करता था और जो भी खाना मैं खाता मुझे तुरंत उल्टी हो जाती, इन सभी समस्याओं की वजह से मैं काफी कमजोर होता जा रहा था। डॉक्टर की हुई दवाओं से भी मुझे कोई आराम नहीं मिल रहा था, जिसकी वजह से मैंने अपना डॉक्टर बदला और एक बड़े निजी अस्पताल में चला गया। हॉस्पिटल पहुँचने पर डॉक्टर ने मुझे कुछ जांच की और मुझे कई टेस्ट करवाने के लिए कहा। मैंने डॉक्टर के कहने पर सभी टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें डॉक्टर को दिखाया।
मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि मुझे प्रोटीन लोस की प्रॉब्लम हुई है जो कि ज्यादा नॉन वेज खाने की वजह से हुआ है, इसके अलावा मेरा क्रिएटिनिन लेवल भी काफी बढ़ा हुआ है और अब इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए मुझे डायलिसिस करवाना होगा। मुझे डॉक्टर की एक भी बात समझ नहीं आई बस इतना पता था कि अब मुझे डायलिसिस करवाना होगा। मैंने डॉक्टर की सलाह मानते हुए मैंने अगले दिन से ही डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया, जिससे मुझे काफी तकलीफ हुई लेकिन ठीक होने के लिए मेरे सामने यही बस एक चारा था। मैंने ठीक होने की उम्मीद में 7 महीने तक डायलिसिस करवाया जो कि हफ्ते में तीन बार होता था, पर कोई फायदा नहीं मिला। अब डॉक्टर मुझे किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कहने लगे थे, पर मैं इसके खर्चे को देखते हुए इसे करवाने के लिए इंकार चूका था। इसी बीच मेरे भाई को दिल्ली के कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जानकारी मिलील उसे नेट से पता चला कि यहाँ पर बिना डायलिसिस के ही किडनी से जुड़ी समस्या से छुटकारा दिलवाया जाता है।
हमें इस बात पर यकीन हुआ तो मैं अपने भाई के साथ कुछ ही दिनों में कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल आ गया और यहाँ मेरी मुकालात हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. पुनीत धवन से हुई। मैंने उनको अपनी सभी रिपोर्ट्स दिखाई, जिन्हें देखने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि आयुर्वेदिक दवाओं से मुझे इस समस्या में जल्द ही आराम मिलेगा और मेरी किडनी ठीक हो जायगी, बस समय से दवाएं लेनी होगी और डाइट का खास ख्याल रखना होगा। मैंने घर आते ही डॉ. पुनीत धवन के कहे अनुसार आयुर्वेदिक दवाएं लेनी शुरू कर दी, जिससे मुझे अपने अंदर काफी सुधार नज़र आने लग गया। कुछ ही महीनों में मैं खुद को काफी स्वस्थ महसूस कर रहा था क्योंकि अब मेरी किडनी एक दम ठीक हो चुकी थी। अगर उस दौरान मैं डॉ. पुनीत धवन से नहीं मिला होता तो शायद आज भी मैं डायलिसिस करवा रहा होता या मर चूका होता।
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