डॉक्टर ने किडनी ट्रांसप्लांट करवाने को कहा, लेकिन मैंने लिया आयुर्वेदिक उपचार
नमस्कार, मेरा नाम जय सिंह चौहान और मैं बलिया, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ। मैं कई सालों से शुगर की समस्या से जूझ रहा था जिसकी वजह से तीन साल पहले मेरी किडनी खराब हो गई थी। किडनी खराब होने की वजह से मुझे बहुत सी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा था। मैंने अपनी किडनी को ठीक करने के लिए कई महीने तक डायलिसिस भी करवया था पर उससे भी मुझे कोई फायदा नहीं मिला। मेरी हालत इतनी ज्यादा खराब हो चुकी थी कि डॉक्टर ने मुझ से किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कह दिया था। किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर उनका साफ कहना था कि अगर नहीं करवाया तो जिन्दा नहीं बचोगे लेकिन मैंने किडनी ट्रांसप्लांट नहीं करवाया और आज मैं एक दम स्वस्थ हूँ। क्योंकि मैंने समय रहते डॉ. पुनीत धवन से अपनी किडनी ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू कर दिया था जिससे मेरी किडनी ठीक हो गई और मुझे इस दर्दनाक ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ी।
Ayurvedic treatment to reduce high creatinine level
मेरे घर में सभी को मीठा खाना बहुत ज्यादा पसंद था, अब भी है लेकिन जब से मेरी किडनी खराब हुई है तब से सबने मीठा खाना काफी कम कर दिया है। दरअसल, मीठा खाने की वजह से मुझे शुगर की समस्या हो गई थी, जिसकी वजह से मेरी तबियत खराब रहने लगी थी। जब डॉक्टर से बारे में बात की तो उन्होंने मुझे मीठा ना लेने की सलाह दी और साथ में एक बैलेंस डाइट प्लान फॉलो करने के लिए कहा। पर मैंने डॉक्टर की बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जिसकी वजह से मेरा शुगर लेवल काबू में नहीं आया। डॉक्टर की बातों पर कोई ध्यान ना देने और बढ़ती उम्र के कारण मेरा शुगर लेवल लगातार बढ़ता जा रहा था, जिसके कारण मुझे दवाएं शुरू करनी पड़ी। दवाएं लेने से मुझे शुगर की समस्या में काफी आराम मिलने लग गया जिससे मैं काफी खुश भी था, लेकिन मैंने इस दौरान अपने खान पान में कोई बदलाव नहीं किया, जिसकी वजह से मेरी किडनी तेजी से खराब होना शुरू हो चुकी थी पर इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी। जब मेरी किडनी खराब होना शुरू हुई तो मुझे सबसे पहले पेशाब से जुड़ी हुई समस्या ही होने लगी थी जो कि अक्सर मुझे पहले हो जाती थी जिसकी वजह से मैंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। पेशाब की समस्या के अलावा मेरे शरीर के कई हिस्सों में सूजन आने लग गई थी, जिसकी वजह से मुझे चलने-फिरने में काफी तकलीफ होने लगी थी।
तेज बुखार रहने लगा था, दिन भर में कई बार उल्टियाँ आने लगी थी और भूख लगातार कम होती जा रही थी, जिसके कारण मैं लगातार कमजोर होता जा रहा था। दवाएं लेने पर भी इन सभी शारीरिक समस्याओं में रत्ती भर का भी आराम ना मिलने की वजह से मेरी तबियत पहले से और ज्यादा खराब होती जा रही थी। इस दौरान मेरी हालत ऐसी हो चुकी थी कि मुझे अपने हर काम के लिए दूसरे व्यक्ति की सहायता चाहिए होती थी और इसी हालत के कारण डॉक्टर ने मुझे हॉस्पिटल में एडमिट कर लिया। हॉस्पिटल में एडमिट होने के बाद डॉक्टर ने मेरी हालत को देखते हुए मुझे कई टेस्ट करवाने की सलाह दी। मैंने डॉक्टर के कहने पर सारे टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें डॉक्टर को दिखाया जिन्हें देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि ज्यादा मीठा खाने यानि शुगर की वजह से मेरी किडनी खराब हो गई है। डॉक्टर ने मुझसे कहा कि अब मुझे ठीक होने के लिए डायलिसिस करवाना होगा। मैंने डॉक्टर की बात मानी और कुछ दिनों बाद डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया। जब मेरा पहला डायलिसिस हुआ तब उससे मुझे इतनी परेशानी हुई कि मैंने आगे डायलिसिस के लिए इंकार कर दिया, लेकिन मेरे सामने दूसरा कोई चारा नहीं था जिसके कारण मुझे अगले कई महीने तक डायलिसिस चालु रखना पड़ा। मैंने किडनी ठीक होने की उम्मीद में करीब 9 महीने तक हर हफ्ते दो बार डायलिसिस करवाया पर कोई फायदा तो मिला नहीं।
उल्टा मेरी हालत इतनी ज्यादा खराब हो चुकी थी डॉक्टर अब मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कहने लगे। डॉक्टर्स ने कहा कि अगर मैंने अब डायलिसिस छोड़ किडनी ट्रांसप्लांट नहीं करवाया तो मेरे पास ज्यादा से ज्यादा दो महीने तक का ही समय बाकी है। डॉक्टर ने उस दौरान मुझसे कहा था कि अगर मैंने इस समय किडनी ट्रांसप्लांट नहीं करवाया तो मेरे बचने की कोई उम्मीद नहीं है। लेकिन मैं इससे होने दुष्प्रभावों के बारे में काफी जानता था, जिसके कारण मैंने इसके लिए इंकार कर दिया और आगे डायलिसिस पर जीने का मन बना लिया। फिर एक दिन मेरा एक दोस्त मुझसे मिलने आया और उसने मुझे दिल्ली के कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल से आयुर्वेदिक उपचार लेने की सलाह दी। उसने मुझे बताया कि कर्मा आयुर्वेदा में बिना डायलिसिस के ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जाता है। बस फिर क्या था मैं कुछ ही दिनों में कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल, दिल्ली पहुंचा और डॉ. पुनीत धवन से मिला। मैंने उनको अपनी सारी रिपोर्ट्स दिखाई, जिन्हें देखने के बाद डॉक्टर ने मुझसे कहा मैं आयुर्वेदिक दवाओं से जल्द ही ठीक हो जाऊंगा। मैंने घर आकर डॉ. पुनीत धवन कहे अनुसार दवाएं लेनी शुरू कर दी जिससे मुझे काफी आराम मिलने लगा और मैं कुछ ही महीनों में एक दम ठीक हो गया। अगर मैंने उस दिन अपने दोस्त की बात नहीं मानी होती तो शायद आज मैं जीवित नहीं होता।
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