दोस्त की सलाह मानी तो जीवित हूँ आज
नमस्कार, मेरा नाम धर्मराज यादव है और मैं इन्दौर का रहने वाला हूँ। दो साल पहले मेरी किडनी हाई ब्लड प्रेशर रहने की वजह से खराब हो गई थी, जिससे कि मैं बीते कई सालों से जूझ रहा था। जब मेरी किडनी खराब हुई तो मुझे कई बहुत सी समस्याएँ होने लगी थी, जिनसे मैं चाह कर भी छुटकारा नहीं पा पाया था। मैंने डॉक्टर की सलाह मानते हुए कई महीनों तक डायलिसिस भी करवाया था पर उससे भी मुझे कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि इससे मेरी हालत और ज्यादा खराब हो गई थी। हालत को देखते हुए डॉक्टर मुझे कह चुके थे कि अब मैं नहीं बच सकता, लेकिन आज मैं एक दम स्वस्थ हूँ और वो कैसे आज इसी बारे में, मैं आप सभी को बताने जा रहा हूँ।
दरअसल, मेरी किडनी हाई ब्लड प्रेशर की वजह से खराब हुई थी और मुझे ये समस्या बाहर का ज्यादा खाना की वजह से हुई थी। मुझे तेज मसालों वाला आहार खाना इतना ज्यादा पसंद था कि शायद ही ऐसा कोई दिन होता था जब मैं बाहर से कुछ नहीं खाता था। शुरुआत में तो मुझे इससे कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन धीरे-धीरे इससे मेरा पेट खराब रहने लग गया और उसकी वजह से मुझे अक्सर हॉस्पिटल के चक्कर काटने पड़ गये। मैंने अपना पेट ठीक करने के लिए कई महीनों तक दवाएं खाई जिससे मुझे इस समस्या में तो आराम मिल गया लेकिन मुझे ज्यादा दवाएं लेने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो गई। ब्लड प्रेशर हाई रहने की वजह से डॉक्टर ने मुझे बाहर का खाना खाने के लिए तुरंत ही इंकार कर दिया पर मैं नहीं माना और बाहर का खाना जारी रखा। मेरी इसी आदत के कारण मेरा ब्लड प्रेशर लगातार बढ़ता जा रहा था जिसकी वजह से दवाएं लेने पर भी मेरा ब्लड प्रेशर काबू में नहीं आ रहा था और यही मेरी किडनी खराब होने का पहला संकेत था जिसे मैं समझ नहीं पाया। जब मेरी किडनी पूरी तरह से खराब हो चुकी थी तो मुझे इसके कई लक्षण दिखाई देने लगे जिनकी वजह से मेरा स्वास्थय लगातार गिरता जा रहा था।
Ayurvedic treatment and medicine for protein loss in urine
किडनी खराब होने के दौरान मुझे पेशाब काफी कम आने लगा था और पेशाब करते समय मुझे काफी जलन भी होने लगी थी, इसके अलावा पेशाब से काफी बदबू भी आने लगी थी। मेरे शरीर के कई हिस्सों में सूजन आने लगी थी, खासकर मेरे पैरों में काफी सूजन आई हुई थी जिसके कारण मुझे चलने-फिरने में काफी तकलीफ हो रही थी। इन दिनों मेरा ब्लड प्रेशर काफी बढ़ा हुआ था जिसके कारण मुझे दिन भर चक्कर आते रहते थे, भूख लगना कम हो चुकी थी और दिन में कई बार उल्टियां भी आने लगी थी जिसके कारण मैं काफी कमजोर हो चूका था। मुझे दवाओं से भी कोई आराम नहीं मिल रहा था, जिसके कारण मेरी परेशानियाँ और ज्यादा बढ़ती जा रही थी इसी कारण घर वालों ने मुझे एक बड़े निजी अस्पताल में एडमिट करवा दिया जहाँ जाते ही डॉक्टर ने मुझे कई सारे टेस्ट करवाने को कहा। मैंने डॉक्टर के कहने पर सारे टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स डॉक्टर को दिखाई, जिन्हें देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेरी किडनी खराब हो चुकी है और मुझे अब किडनी ठीक करने के लिए डायलिसिस करवाना होगा।
मैंने डॉक्टर के कहने पर और ठीक होने के लिए दुसरे दिन से ही डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया। मैंने डॉक्टर के कहने पर डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया, जिससे मुझे तकलीफ तो हुई लेकिन ठीक होने के लिए यही एक तरीका था तो मैंने इसे सहन कर लिया। मैंने करीब डेढ़ साल तक लगातार हर हफ्ते दो से तीन बार डायलिसिस करवाना जारी रखा, लेकिन इससे मेरी तबियत में कोई सुधार नहीं आया उल्टा मेरा लाखों रुपया बर्बाद हो गया। फिर एक दिन डॉक्टर ने मुझसे कहा कि मुझे अब डायलिसिस छोड़ किडनी ट्रांसप्लांट करवा लेना चाहिए मैं उसी से ठीक हो सकता हूँ। मैंने डॉक्टर के कहने पर किडनी ट्रांसप्लांट की तैयारी करनी शुरू कर दी, जिसके दौरान मैं अपने एक पुराने दोस्त मिला। मेरे दोस्त को जब मेरे किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में पता चला तो उसने मुझे एक बार आयुर्वेदिक उपचार लेने को कहा। उसने मुझे बताया कि दिल्ली के कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल में बिना डायलिसिस के ही खराब हुई किडनी ठीक किया जाता है।
मैं उसके जोर देने पर कुछ दिनों में कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल चला गया और डॉ. पुनीत धवन से मिला। मैंने डॉ. पुनीत अपनी सभी रिपोर्ट्स दिखाई, जिन्हें देखने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे किडनी तट्रांसप्लांट की कोई जरुरत नहीं है मैं बस आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक हो जाऊंगा। मैंने घर जाते ही ठीक होने की उम्मीद में डॉ. पुनीत धवन की सभी बात मानते हुए दवाएं लेनी शुरू कर दी और उनका दिया हुआ डाइट प्लान भी फॉलो करना शुरू कर दिया। आयुर्वेदिक दवाएं लेने से मुझे कुछ ही महीनों में अपने अंदर काफी सुधार नज़र आने लगे, जैसे पेशाब से जुड़ी समस्याएँ खत्म होने लगी, भूख लगने लगी, सूजन चली और ब्लड प्रेशर लेवल भी काबू में आने लगा। मुझे महीने भर में ही सारी समस्याओं से छुटकारा मिलने लगा और मैं कुछ ही महीनों में मेरी खराब हुई किडनी एक दम ठीक हो गई, जिसकी मैं उम्मीद भी छोड़ चूका था। अगर आज मैं जिन्दा हूँ तो केवल डॉ. पुनीत धवन के कारण, सच कहूँ तो ये मेरे लिए किसी भगवान से कम नहीं है।
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