डॉ. पुनीत धवन नहीं होते तो जीवित नहीं होता मैं
नमस्कार, मेरा नाम शिव सांगवान है और मैं रोहतक का रहने वाला हूँ। हम सभी इस बारे में जानते हैं कि अगर एक बार कोई भी चीज़ खराब हो जाए तो उसे फिर से ठीक करना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति की किडनी खराब हो जाए तो उसे ठीक कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है। दो साल पहले मैं भी इसी समस्या से जूझ रहा था, क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर की वजह से मेरी किडनी खराब हो गई थी जिसकी वजह से मुझे बहुत सी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा था। जब मेरी किडनी खराब हुई तो डॉक्टर ने मुझसे कहा था कि डायलिसिस करवाने से मेरी किडनी बड़े आराम से ठीक हो जाएगी। मैंने भी उस समय डॉक्टर की बातों पर विश्वास कर लिया डायलिसिस करवाना शुरू कर लिया, पर उससे मुझे कोई आराम नहीं मिला उल्टा हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई थी कि बचने की उम्मीद खत्म हो चुकी थी। लेकिन जब आखिर में मैंने डॉ. पुनीत धवन से आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू किया तब कहीं जाकर मैं ठीक हो सका और इसी की वजह से आज मैं एक दम स्वस्थ हूँ।
मुझे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या किडनी खराब होने के कई सालों से थी, जिसको काबू करने के लिए मैं दवाएं लेता था। जब शुरुआत में मेरा ब्लड प्रेशर हाई रहने लगा था तो डॉक्टर ने मुझसे कहा कि खाने पीने में बदलाव करने से मेरा ब्लड प्रेशर काबू में रहने लगेगा। पर मैं पेशे से एक ड्राईवर हूँ तो मेरे लिए खाने पीने में बदलाव कर पाना काफी मुश्किल होता है, क्योंकि मुझे अक्सर काम के सिलसिले में घर से कई दिनों के लिए बाहर जाना पड़ता था, जिसकी वजह से खाने पीने में बदलाव का पाना बहुत मुश्किल होता था। चाह कर भी खाने पीने में कोई बदलाव ना कर पाने की वजह से मैंने ब्लड प्रेशर के लिए दवाएं लेनी शुरू कर दी थी, जिससे ब्लड प्रेशर तो भले ही काबू में आ रहा था लेकिन आने वाले समय में इन्ही दवाओं की वजह से मेरी किडनी खराब हो गई। किडनी खराब होने के दौरान ऐसा समय आ चूका था जिसमे दवाएं लेने पर भी मेरा ब्लड प्रेशर काबू में नहीं आता था और यही मेरी किडनी खराब होने की शुरुआत थी।
Ayurvedic treatment and medicine for nephrotic syndrome
किडनी खराब होने की पुष्टि होने के करीब दो हफ्ते पहले मेरी तबियत अचानक से खराब रहने लग गई जो कि दवाएं लेने पर भी ठीक नहीं हो रही थी। एक दिन मैंने देखा की मेरे पैरों में और चेहरे पर काफी सूजन आई हुई है। पैरों में आई सूजन की वजह से मुझे चलने में काफी परेशानी ही रही थी। इसके कुछ दिनों बाद ही मुझे पेशाब आना काफी कम हो गया और अगर पेशाब आ भी जाता तो मुझे काफी तकलीफ होती, साथ ही पेशाब से काफी बदबू भी आने लग गई थी। इन्हीं दिनों मुझे दिन में कई बार उल्टियाँ आने लग गई थी जिसकी वजह से मुझे खाना खाने का बिलकुल भी दिल नहीं करता था और अगर खा भी लिया तो उसी समय उल्टी। इस दौरान मुझे बार-बार बुखार भी रहने लगा था, जिसकी वजह से मैं काफी कमजोर होता जा रहा था, वहीं ब्लड प्रेशर भी पहले के मुकाबले काफी बढ़ा हुआ था।
डॉक्टर की दवाओं से भी कोई आराम नहीं मिल रहा था। इसी बीच जब हालत ज्यादा खराब होती नज़र आई तो घर वालों ने मुझे हॉस्पिटल में करवाना सही समझा।
हॉस्पिटल जाते ही डॉक्टर ने मेरी कुछ जांच की और उसके बाद मुझे जल्द से जल्द कई टेस्ट करवाने के लिए कहा। मैंने डॉक्टर की बात मानते हुए उसी दिन सभी टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें सभी रिपोर्ट्स दिखाई। मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि ज्यादा दवाएं लेने और ब्लड प्रेशर हाई रहने की वजह से मेरी किडनी काफी खराब हो चुकी है, इसी वजह से मुझे ये सभी समस्याएँ हो रही है। डॉक्टर ने मुझसे आगे कहा कि अगर अब मुझे ठीक होना है तो मुझे अभी से डायलिसिस करवाना शुरू करना होगा, अब यही एक चारा है जिससे मैं ठीक हो सकता हूँ। मेरे सामने दूसरा तो कोई चारा नहीं था, जिसकी वजह से मैंने अगले दिन से ही डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया। जब मेरा पहला डायलिसिस हुआ तो मुझे उससे काफी तकलीफ हुई, जिसको सहन कर पाना बहुत मुश्किल था पर ठीक होने के लिए मैंने उसे सहन कर लिया। मैंने ठीक होने की उम्मीद में करीब साल भर तक हर हफ्ते दो बार डायलिसिस करवाया पर उससे मेरी हालत में कोई सुधार तो हुआ नहीं उल्टा मेरी हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि मेरे बचने की सभी उम्मीदें खत्म होने लगी। डॉक्टर्स भी जवाब देने लगे थे, मेरी हालत इतनी ज्यादा खराब हो चुकी थी कि मैं किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए भी समर्थ नहीं था।
इसी बीच एक दिन जब मैं अपने घर में आराम कर रहा था तो मेरे जीजा जी मुझसे मिलने आए और उन्होंने मुझसे एक बार आयुर्वेदिक उपचार लेने की सलाह दी। उन्होंने मुझे बताया कि दिल्ली में कर्मा आयुर्वेदा नाम से एक हॉस्पिटल है जहाँ पर बिना डायलिसिस के ही केवल आयुर्वेदिक दवाओं से ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जाता है। मुझे लगा कि एक बार ये भी कर के देख लेना चाहिए, बस फिर क्या था मैं कुछ ही दिनों में दिल्ली, कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल आ गया जहाँ मेरी मुलाकात डॉ. पुनीत धवन से हुई जो कि इस हॉस्पिटल के निदेशक भी है। मैंने उनको अपनी सभी रिपोर्ट्स दिखाई, जिन्हें देखने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे अब डरने की जरूरत नहीं है मैं कुछ ही दिनों में एक दम ठीक हो जाऊंगा, बस समय से आयुर्वेदिक दवाएं लेनी होगी और खाने पीने का ठीक से ख्याल रखना होगा। मैंने घर जाते ही डॉ. पुनीत धवन के कहे अनुसार दवाएं लेनी शुरू कर दी, जिससे मेरी किडनी कुछ ही महीनों में ठीक हो गई और आज इसी वजह से मैं जीवित हूँ।
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