शुगर बना किडनी का दुश्मन पर आयुर्वेद बना वरदान

नमस्कार, मेरा नाम गोविन्द पूरी है और मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ। मैं बीते कई सालों से शुगर की बीमारी से जूझ रहा था, जिसकी वजह से दो साल पहले मुझे किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी का सामना करना पड़ा था। जब मेरी किडनी खराब हुई तब मुझे कई सारी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा था। मैंने अपनी किडनी को ठीक करने के लिए कई महीनों तक डायलिसिस भी लिया था लेकिन उससे भी मुझे कोई फायदा नहीं मिला। डॉक्टर ने मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की सलाह भी दी थी जिसके लिए मैंने इंकार कर दिया था। मुझे लगा कि अब यही मेरी जिंदगी है लेकिन डॉ. पुनीत धवन ने मुझे डायलिसिस से छुटकारा दिला दिया और मेरी किडनी ठीक कर दिखाई।

मैं किडनी खराब होने के कई सालों पहले से ही शुगर से जूझ रहा था या यूँ कहूँ कि मैं जन्म से ही इस बीमारी से जूझ रहा था। दरअसल, मुझे शुगर की बीमारी मेरे परिवार से मिली थी, जब मुझे इस बारे पता कि बाकी घर वालों की तरह मुझे भी शुगर है तो मैंने उसी दिन से दवाएं लेनी शुरू कर दी थी। दवाएं लेने से मेरा शुगर लेवल कण्ट्रोल में रहता था, लेकिन बढती उम्र के साथ-साथ मेरा शुगर लेवल पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ा हुआ रहने लगा था। जिसके कारण मुझे दवाओं की मात्रा बढ़ानी पड़ी साथ ही पहले से और ज्यादा परहेज भी शुरू कर दिया। इन दोनों उपायों से मेरा शुगर लेवल काबू में आने लगा था, लेकिन अब मुझे शुगर के कारण पेशाब पहले से कम आने लगा था और आँखों से भी कम दिखाई देने लगा था। जब दवाओं से भी शुगर काबू में आना मुश्किल होने लगा तो डॉक्टर ने मुझे इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने की सलह दे दी।

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इन्सुलिन के इंजेक्शन और दवाओं से अब मुझे काफी आराम मिल रहा था पर मुझे इससे ज्यादा समय तक आराम नहीं मिला क्योंकि अब मेरी किडनी काफी खराब हो चुकी थी जिसके लक्षण भी दिखाई देने लगे थे। किडनी खराब होने की पुष्टि होने के कुछ हफ़्तों पहले अचानक मेरा ब्लड प्रेशर काफी हाई रहने लगा, जिसके लिए मैंने डॉक्टर की सलाह पर दवाएं तो ली पर कोई फायदा नहीं मिला। इसी बीच मुझे पेशाब से जुड़ी कुछ समस्याएँ रहने लग गई, जैसे – पहले के मुकाबले पेशाब आना काफी कम हो गया, पेशाब करते समय जलन होने लगे, पेशाब का रंग हल्के पीले से लाल होने और पेशाब से काफी बदबू भी आने लगी। पेशाब की समस्या के साथ मेरे पैरों और कमर के आस पास सूजन आने लग गई, जिसकी वजह से मुझे चलने फिरने में काफी परेशानी आने लगी। शुगर लेवल तो पहले से भी ज्यादा हाई होने लगा, जिस पर दवाओं और इन्सुलिन के इंजेक्शनों का कोई भी असर नहीं हो रहा था।

ज्यादा तबियत खराब होने के कारण मुझे हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा, जहाँ डॉक्टर ने मेरी कुछ जांच करने के बाद मुझे कई टेस्ट करवाने की सलाह दी। मैंने डॉक्टर की बात मानते हुए उसी दिन सभी टेस्ट करवा लिए और रिपोर्ट्स डॉक्टर को दिखाई। मेरी रिपोर्ट्स देखने एक बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि हाई शुगर के कारण मेरी दोनों किडनियां खराब हो चुकी है जिसके कारण अब मुझे तुरंत डायलिसिस शुरू करवाने की जरूरत है। मैंने डॉक्टर के कहने पर डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया, जिससे मुझे तकलीफ तो हुई लेकिन ठीक होने के लिए यही एक तरीका था तो मैंने इसे सहन कर लिया। मैंने करीब डेढ़ साल तक लगातार हर हफ्ते दो से तीन बार डायलिसिस करवाना जारी रखा, लेकिन इससे मेरी तबियत में कोई सुधार नहीं आया उल्टा मेरा लाखों रुपया बर्बाद हो गया।

अब डॉक्टर मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की सलाह देने लगे थे, जिसका खर्च उठाना मेरे बस से बाहर की बात थी। अब मैं मान चूका था कि अब मेरे बचने की कोई उम्मीद बाकी नहीं है और फिर मैंने बाकी के बचे हुए दिन बस डायलिसिस के सहारे जीने का मन बना लिया, क्योंकि अब इसके सिवाए मेरे सामना दूसरा कोई चारा नहीं था। लेकिन इन्हीं दिनों में मेरे एक रिश्तेदार ने मुझे दिल्ली के कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल से आयुर्वेदिक उपचार लेने की सलाह दी। उन्होंने मुझे बताया कि यहाँ पर बिना डायलिसिस के ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जाता है। मैंने अपने रिश्तेदार की बात मानी और कर्मा आयुर्वेदा चला गया जहाँ मेरी मुलाकात हॉस्पिटल एक निदेशक डॉ. पुनीत धवन से हुई। मैंने डॉ. पुनीत धवन को अपनी रिपोर्ट्स दिखाई, जिनको अच्छे से देखने के बाद डॉ. पुनीत धवन ने मुझसे कहा कि मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा बस सही टाइम पर दवाएं लेनी होगी और डाइट का खास ख्याल रखना होगा, इसी से मेरी किडनी बहुत जल्द ही ठीक हो जायगी और मुझे डायलिसिस की भी कोई जरूरत नहीं पड़ेगी।

मैंने घर जाते ही ठीक होने की उम्मीद में डॉ. पुनीत धवन की सभी बात मानते हुए दवाएं लेनी शुरू कर दी और उनका दिया हुआ डाइट प्लान भी फॉलो करना शुरू कर दिया। आयुर्वेदिक दवाएं लेने से मुझे कुछ ही महीनों में अपने अंदर काफी सुधार नज़र आने लगे, जैसे पेशाब से जुड़ी समस्याएँ खत्म होने लगी, भूख लगने लगी, ब्लड प्रेशर काबू में आने लगा और उल्टियाँ भी आनी बंद हो गई। सबसे बड़ी बात ये थी कि अब मेरा शुगर लेवल काबू में आने लगा था जो कि मेरी किडनी ठीक होने की ओर सबसे बड़ा इशारा था। मुझे महीने भर में ही सारी समस्याओं से छुटकारा मिलने लगा और मैं कुछ ही महीनों में मेरी खराब हुई किडनी एक दम ठीक हो गई, जिसकी मैं उम्मीद भी छोड़ चूका था। अगर आज मैं जिन्दा हूँ तो केवल डॉ. पुनीत धवन के कारण, सच कहूँ तो ये मेरे लिए किसी भगवान से कम नहीं है।

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