बाहर के चटपटे खाने से हुई किडनी खराब

नमस्कार, मेरा नाम सन्देश मेहरा है और मैं करनाल, हरियाणा का रहने वाला हूँ। मैंने बीते कई सालों से हाई ब्लड प्रेशर से परेशान चल रहा था, जिसकी वजह से दो साल पहले मेरी किडनी खराब हो गई थी। जब मेरी किडनी खराब हुई तो उस दौरान मुझे बहुत सी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा था। मैंने अपनी सभी शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए बहुत सी दवाएं खाई और डॉक्टर की सलाह पर कई महीनों तक डायलिसिस भी करवाया पर कोई फायदा नहीं मिला। डॉक्टर उस दौरान मुझसे कहते थे कि अगर डायलिसिस करवाते रहोगे तो जल्द ही ठीक हो जाओगे, लेकिन इससे मेरी तबियत में कोई सुधार तो हुआ नहीं उल्टा हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि बचने की भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी। लेकिन आज मैं एक दम स्वस्थ हूँ क्योंकि मैंने समय रहते हुए डॉ. पुनीत धवन से आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू कर दिया था जिससे मेरी किडनी बहुत जल्द ठीक हो गई और आज इसी वजह से मैं एक स्वस्थ जीवन जी पा रहा हूँ।

मेरा ब्लड प्रेशर बाहर के खाने की वजह से हाई रहने लगा था जिसका कि मैं दीवाना था। दरअसल मुझे बाहर का खाना बहुत ज्यादा पसंद था मैं तक़रीबन हर दिन बाहर से कुछ न कुछ खाया करता था। बाहर के खाने की बात की जाए तो मुझे उसमे नॉन वेज और मोमोस खाना बहुत ज्यादा पसंद था। बाहर का ज्यादा खाना खाने की वजह से मुझे मेरा पेट अक्सर खराब ही रहता था, जिसके चलते मुझे बहुत सी दवाएं खानी पड़ती थी। ज्यादा दवाएं खाने और पेट खराब रहने की वजह से मेरा ब्लड प्रेशर हाई रहने लग गया था। डॉक्टर मुझे हमेशा बाहर का खाने के लिए मना करते थे ताकि मेरा ब्लड प्रेशर काबू में रह सके, लेकिन मैंने उनकी बातों पर कभी कोई ध्यान नहीं दिया, पर मैं इसके लिए दवाएं लेने लगा था। दवाएं लेने से मेरा ब्लड प्रेशर काबू में रहने लगा था लेकिन मुझे ये नहीं पता था कि दवाएं लेने से मेरी किडनी खराब भी हो सकती है। मुझे दवाएं लेते हुए अभी लगभग दो साल भर ही बीते थे कि इतने में ही मेरी किडनी खराब हो गई जिसकी वजह से मुझे बहुत सी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा था। जब मेरी किडनी खराब होनी शुरू हुई तो उस दौरान मुझे बहुत सी समस्याएँ रहने लग गई थी जो कि मेरी खराब हो चुकी किडनी की ओर साफ इशारा कर रही थी।

Ayurvedic Medicine for Protein in Urine

किडनी खराब होने के करीब महिना भर पहले मुझे कई सारी समस्याएँ रहने लग गई थी, जिसमे सबसे पहले मुझे पेशाब से जुड़ी समस्याएँ होनी शुरू हुई थी। मुझे कम पेशाब आने लगा था, पेशाब का रंग बदलने लगा, झागदार और बदबूदार पेशाब आने लगा था, इसके अलावा मेरे पेशाब का रंग भी काफी बदल चूका था। पेशाब की समस्या के अलावा मेरे चेहरे, कमर के आसपास और पैरों में सूजन आने लगी थी। पैरों और कमर के में आई सूजन की वजह से मुझे चलने फिरने में काफी परेशानी होने लगी थी। इस बीच मुझे दिन भर में कई बार उल्टियाँ आने लगी थी और जिसके कारण मुझे खाना खाने का बिलकुल भी दिल नहीं करता था और अगर मैं जबरदस्ती खाना खा भी लेता था तो मुझे तुरंत ही उल्टी आ जाती थी, जिसकी वजह से मैं काफी कमजोर हो गया था। इस दौरान मुझे लगातार बुखार भी रहने लग गया था, डॉक्टर मुझे हर दिन कोई न कोई दवाएं देते रहते थे, लेकिन उनसे कोई आराम नहीं मिल रहा था, बस मैं लगातार पहले से कमजोर होता जा रहा था। मैं इतना ज्यादा कमजोर हो चूका था कि बिस्तर से बिना मदद के उठ भी नहीं सकता था, फिर एक मेरी तबियत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि घर वालों ने मुझे हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ा। हॉस्पिटल में जाने पर डॉक्टर ने मेरी हालत को देखते ही मुझे जल्द से जल्द कई टेस्ट करवाने के लिए कह दिया।

मैंने उसी समय डॉक्टर के बताए हुए सभी टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें डॉक्टर को दिखाया। मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे तुरंत बताया कि मेरी किडनी हाई ब्लड प्रेशर और बाहर के खाने की वजह से काफी ज्यादा खराब हो गई है, इसी वजह से मुझे ये सभी समस्याएँ हो रही है। डॉक्टर ने मुझसे आगे कहा कि अब मुझे ठीक होने के लिए डायलिसिस करवाना होगा, उसी से मेरी किडनी ठीक हो सकती है नहीं तो मेरी तबियत लगातार खराब होती चली जायगी जिसको ठीक कर पाना बहुत मुश्किल हो जायगा। मैं डॉक्टर की ये बातें सुनकर काफी डर गया और मैंने उसी दिन से डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया। मैंने साल भर तक लगातार हर हफ्ते दो बार डायलिसिस करवाया, लेकिन इससे मेरी तबियत में कोई सुधार नहीं आया ऊपर से मेरा लाखों रुपया बर्बाद हो गया। अब डॉक्टर मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की सलाह देने लगे थे, जिसका खर्च उठाना मेरे बस से बाहर की बात थी। अब मैं मान चूका था कि अब मेरे बचने की कोई उम्मीद बाकी नहीं है और फिर मैंने बाकी के बचे हुए दिन बस डायलिसिस के सहारे जीने का मन बना लिया, क्योंकि अब इसके सिवाए मेरे सामना दूसरा कोई चारा नहीं था। लेकिन इन्हीं दिनों में मेरे एक रिश्तेदार ने मुझे दिल्ली के कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल से आयुर्वेदिक उपचार लेने की सलाह दी। उन्होंने मुझे बताया कि यहाँ पर बिना डायलिसिस के ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जाता है।

मैंने अपने रिश्तेदार की बात मानी और कर्मा आयुर्वेदा चला गया जहाँ मेरी मुलाकात हॉस्पिटल एक निदेशक डॉ. पुनीत धवन से हुई। मैंने डॉ. पुनीत धवन को अपनी रिपोर्ट्स दिखाई, जिनको अच्छे से देखने के बाद डॉ. पुनीत धवन ने मुझसे कहा कि मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा बस सही टाइम पर दवाएं लेनी होगी और डाइट का खास ख्याल रखना होगा, इसी से मेरी किडनी बहुत जल्द ही ठीक हो जायगी और मुझे डायलिसिस की भी कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। मैंने घर जाते ही ठीक होने की उम्मीद में डॉ. पुनीत धवन की सभी बात मानते हुए दवाएं लेनी शुरू कर दी और उनका दिया हुआ डाइट प्लान भी फॉलो करना शुरू कर दिया। आयुर्वेदिक दवाएं लेने से मुझे कुछ ही महीनों में अपने अंदर काफी सुधार नज़र आने लगे, जैसे पेशाब से जुड़ी समस्याएँ खत्म होने लगी, भूख लगने लगी, ब्लड प्रेशर काबू में आने लगा और उल्टियाँ भी आनी बंद हो गई। सबसे बड़ी बात ये थी कि अब मेरा शुगर लेवल काबू में आने लगा था जो कि मेरी किडनी ठीक होने की ओर सबसे बड़ा इशारा था। मुझे महीने भर में ही सारी समस्याओं से छुटकारा मिलने लगा और मैं कुछ ही महीनों में मेरी खराब हुई किडनी एक दम ठीक हो गई, जिसकी मैं उम्मीद भी छोड़ चूका था। अगर आज मैं जिन्दा हूँ तो केवल डॉ. पुनीत धवन के कारण, सच कहूँ तो ये मेरे लिए किसी भगवान से कम नहीं है।

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