हाई ब्लड प्रेशर बना मेरी किडनी का दुश्मन
नमस्कार, मेरा नाम मेहर सिंह डबास है और मैं दिल्ली के कंझावला का रहने वाला हूँ। मैं बीते कई सालों से हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहा था जिसकी वजह से कुछ साल पहले मेरी किडनी खराब हो गई थी। जब मेरी किडनी खराब हुई तब मुझे बहुत सी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा था जिसकि वजह से मेरा दिल करता था कि मैं अभी मर जाऊं। क्योंकि डॉक्टर मुझे बस डायलिसिस करवाने के लिए ही कहते थे और डायलिसिस से मुझे काफी तकलीफ होती थी ऊपर से किडनी खराब होने की वजह से होने वाली परेशानियाँ अलग से थी। अगर उस समय मुझे डॉ. पुनीत धवन का आयुर्वेदिक उपचार नहीं मिला होता तो शायद आज मैं जीवित नहीं होता। डॉक्टर साहब ने ना मुझे डायलिसिस से छुटकारा दिलाया बल्कि मेरी किडनी को भी ठीक कर दिया, नहीं तो मैं कब का मर चूका होता।
मुझे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या ज्यादा शराब पीने की वजह से हुई थी। मैं किडनी खराब होने से पहले बीते कई साल पहले से ही शराब पी रहा था जिससे मेरा ब्लड प्रेशर हाई रहने लग गया था। जब शुरुआत में मेरा ब्लड प्रेशर हाई रहने लगा तो डॉक्टर ने मुझे शराब ना पीने की सलाह दी और मैंने डॉक्टर की सलाह मानी भी। मैंने शराब पीना बंद कर दिया जिससे मेरा ब्लड प्रेशर काबू में आने लग गया, लेकिन मैं साल भर के भीतर एक बार फिर से शराब पीना शुरू कर दिया। जिससे मेरा ब्लड प्रेशर फिर से बढ़ने लगा, अब मुझे लगा कि अगर मैंने शराब पीना बंद किया तभी मुझे ब्लड प्रेशर से छुटकारा मिलेगा, लेकिन शराब बंद करना मेरे लिए जरा मुश्किल था। मैंने इस बारे में डॉक्टर से बात की और मैंने दवाएं लेनी शुरू कर दी। दवाएं लेने से मेरा ब्लड प्रेशर काबू में आने लगा और मैं खुश हो गया। मैं समय के साथ दवाओं का आदि बनता जा रहा था जबकि मैंने शराब पीना पहले के मुकाबले कम कर दिया था फिर भी मेरा ब्लड प्रेशर अक्सर हाई ही रहता था।
Ayurvedic Treatment and Medicine for Nephrotic Syndromeजब मैं दवाएं लेता था तभी मेरा ब्लड प्रेशर काबू में आता था, नहीं तो हाई ही रहता था। मुझे ये बात उस समय तो बिलकुल भी समझ नहीं आई, पर अब आ चुकी है, क्योंकि ये मेरी किडनी खराब होने की शुरुआत थी। मुझे दवाएं लेते हुए करीब 10 साल बीत चुके थे और किडनी खराब होने के लिए इतना समय काफी है । जब मेरी किडनी पूरी तरह से खराब हो चुकी थी तो इसके लक्षण खुल कर सामने आने लगे थे, पर मुझे लग रहा था कि मैं बस सामान्य सा बीमार पड़ रहा हूँ। शुरुआत में मुझ पेशाब से जुड़ी समस्याएँ होने लग गई थी, जैसे कि पेशाब कम आना, पेशाब करते हुए जलन होना, पेशाब से बदबू आना और पेशाब का रंग बदलना। जब परेशानी ज्यादा बढ़ने लगी तो मैंने इसके लिए दवाएं लेनी शुरू कर दी पर कोई आराम नहीं मिला। इसके साथ-साथ मेरे चेहरे पर और पैरों में सूजन आ गई, जिसकी वजह से मुझे चलने में परेशानी आने लगी। मैंने सूजन दूर करने के लिए काफी मालिश भी की पर कोई आराम नहीं मिला। इन्हीं दिनों मुझे तेज बुखार आने लग गया और भूख लगना एक दम बंद हो गई, अगर कुछ जबरदस्ती खा भी लेता तो मुझे तुरंत ही उल्टी आ जाती। दिन में कई बार उल्टियाँ आने और खाना ना खाने की वजह से मैं लगातार कमजोर होता जा रहा था।
इस बीच कई डॉक्टर्स बदले पर कोई आराम नहीं मिला, बस समस्याएँ बढती जा रही थी। फिर एक दिन जब तबियत ज्यादा खराब हुई तो घर वालों ने मुझे एक बड़े निजी अस्पताल में एडमिट करवा दिया, जहाँ डॉक्टर ने मुझे कई टेस्ट करवाने का आदेश दिया। मैंने उसी दिन सभी टेस्ट करवाने और रिपोर्ट्स आते ही डॉक्टर को दिखाई। मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेरी किडनी ब्लड प्रेशर हाई रहने की वजह से खराब हो गई है और बा मुझे ठीक होने के लिए डायलिसिस करवाना होगा। मैंने उसी दिन सारे टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें डॉक्टर को दिखाया। मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि ब्लड प्रेशर हाई रहने, बाहर का ज्यादा खाना खाने और ज्यादा दवाएं लेने के कारण मेरी किडनी खराब हो चुकी है और अब मुझे ठीक होने के लिए डायलिसिस करवाना होगा। डॉक्टर ने आगे बताया कि डायलिसिस ही अब एक ऐसा तरीका है जिससे मेरी खराब हुई किडनी को बड़े आराम से ठीक किया जा सकता है। मुझे डॉक्टर की बातों पर यकीन हो गया और मैंने दुसरे दिन से ही डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया, जिससे मुझे काफी तकलीफ तो हुई पर मैंने उसे सहन कर लिया। मुझे उस समय पूरी उम्मीद थी कि मैं डायलिसिस करवाने से जल्द ही ठीक हो जाऊंगा पर ऐसा होता नज़र नही आ रहा था।
मैंने करीब 8 महीने तक हर हफ्ते दो बार डायलिसिस करवाया पर उससे मुझे कोई फायदा नहीं मिला उल्टा हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि डॉक्टर्स जवाब देने लगे। डॉक्टर्स का कहना था कि अब मुझे डायलिसिस छोड़ किडनी ट्रांसप्लांट करवा लेना चाहिए, नहीं तो मैं नहीं बच सकता। लेकिन मैं इससे होने दुष्प्रभावों के बारे में काफी जानता था, जिसके कारण मैंने इसके लिए इंकार कर दिया और आगे डायलिसिस पर जीने का मन बना लिया। इसी बीच एक दिन मेरा एक दोस्त मुझसे मिलने आया और उसने मुझे मुझे दिल्ली के कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल से आयुर्वेदिक उपचार लेने की सलाह दी। उसने मुझे बताया कि कर्मा आयुर्वेदा में बिना डायलिसिस के ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जाता है। बस फिर क्या था मैं कुछ ही दिनों में कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल, दिल्ली पहुंचा और हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. पुनीत धवन से मिला। मैंने उनको अपनी सारी रिपोर्ट्स दिखाई, जिन्हें देखने के बाद डॉक्टर ने मुझसे कहा मैं आयुर्वेदिक दवाओं से जल्द ही ठीक हो जाऊंगा। डॉ. पुनीत धवन की ये बाते सुनकर मुझे एक उम्मीद जगी और मैंने घर आकर डॉक्टर साहब के कहे अनुसार दवाएं लेनी शुरू कर दी जिससे मुझे काफी आराम मिलने लगा और मैं कुछ ही महीनों में एक दम ठीक हो गया। अगर मैंने उस दिन अपने दोस्त की बात नहीं मानी होती तो शायद आज मैं जीवित नहीं होता।
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