नमस्कार, मेरा नाम लेखराज है और मैं गुरुग्राम, हरियाणा का रहने वाला हूँ

नमस्कार, मेरा नाम लेखराज है और मैं गुरुग्राम, हरियाणा का रहने वाला हूँ। मैं कई सालों से शुगर की बीमारी से जूझ रहा था, जिसकी वजह से करीब चार साल पहले मेरी किडनी खरब हो गई थी। किडनी खराब होने की वजह से मुझे बहुत-सी शारीरिक समस्याओ का सामना करना पड़ा था और उनसे छुटकारा पाने के लिए डायलिसिस का। डायलिसिस कहने में तो एक ट्रीटमेंट है, लेकिन जो लोग इससे गुजरते हैं वो इसे ट्रीटमेंट नहीं मानते। क्योंकि डायलिसिस करवाने से रोगी को बहुत ज्यादा तकलीफ होती है, जिसे सहन कर पाना बहुत मुश्किल होता है, पर एक रोगी किडनी ठीक करने के लिए इसे सहन करता है और नतीजा, सिर्फ निराशा के कुछ नहीं। जब मुझे डायलिसिस से कोई आराम नहीं मिला तो मैंने अपने दोस्त की सलाह मानते हुए डॉ. पुनीत धवन से आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू किया जिससे मेरी किडनी ठीक हो सकी और आज मैं स्वस्थ हूँ।

Ayurvedic Kidney Failure Treatment in India

मेरी किडनी वैसे तो शुगर की वजह से खराब हुई थी, लेकिन अगर इसकी मूल वजह देखि जाए तो वह है पैक्ड जूस। चौंकिए नहीं, मुझे जूस पीना बहुत ज्यादा पसंद है लेकिन दुकान पर जाकर ताजा जूस निकलवाकर पीना मेरे लिए काफी मुश्किल था। इसलिए मैं हमेशा डिब्बाबंद जूस का एक डिब्बा हमेशा अपने साथ रखता था, जिसपर लिखा होता था नो एडेड कलर्स एंड नो एडेड शुगर, पर ऐसा कुछ था इसी जूस की वजह से मेरे ब्लड प्रेशर में शुगर का अमाउंट बढ़ता जा रहा था और इस बारे में कोई जानकारी भी नहीं थी। जब शुरूआत में मेरा शुगर लेवल बढ़ने लगा तो डॉक्टर ने मुझसे मीठा खाने के लिए बिलकुल इंकार कर दिया जो मैंने किया भी पर मेरा ध्यान डिब्बाबंद जूस की ओर कभी गया ही नहीं। खाने पीने में काबू करने पर भी जब मुझे कोई आराम नहीं मिला तो डॉक्टर ने मुझे दवाएं लेने की सलाह दी और डिब्बाबंद जूस से दूरी बनाने के लिए भी कहा। मैंने डॉक्टर की सलाह मानते हुए जूस से दूरी तो बना ली और दवाएं लेनी भी शुरू कर दी, जिससे मुझे काफी आराम मिल रहा था। मुझे जैसे-जैसे आराम मिलने लगा तो मैं धीरे-धीरे परहेज को लेकर लापरवाह होता चला गया जिसकी वजह से मेरा शुगर लेवल एक बार फिर से बढ़ने लग गया और इसी वजह से मेर पर बुरा असर भी पड़ने लगा था जिसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी।

लापरवाही के चलते जब शुगर बढने लगा तो डॉक्टर ने मुझे दवाओं के साथ-साथ इन्सुलिन लेने के लिए कहा। मैंने डॉक्टर की बात मानते हुए इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने शुरू कर दिए, जिससे निश्चित ही मुझे आराम मिलने लगा पर इस दौरान भी परहेज ना करने की वजह से ये आराम ज्यादा समय के लिए नहीं था। करीब आधा साल बीत जाने के बाद मुझे दवाएं लेने और इन्सुलिन लेने पर भी आराम मिलना बंद हो गया क्योंकि अब मेरी किडनी खराब हो चुकी थी जिसके लक्षण भी नज़र आने लगे थे, पर इस बारे में मुझे फ़िलहाल कोई जानकारी नहीं थी। जब मेरी किडनी खराब होने लगी तब मुझे बहुत सी शारीरिक समस्याएँ रहने लगी थी जिनकी वजह से मेरी हालत इतनी ज्यादा खराब हो चुकी थी थी मैं बिस्तर पर रहने लगा था। किडनी खराब होने के दौरान मुझे सबसे पहले पेशाब से जुड़ी समस्याएँ रहने लगी थी जो कि देखने में काफी आम सी लग रही थी पर ये किडनी खराब रहने के साफ लक्षण थे।

मुझे पेशाब आना काफी कम हो चूका था, पेशाब करते हुए जलन और दर्द होने लगा था, बदबूदार पेशाब आने लगा था और यहाँ तक कि पेशाब का रंग भी काफी बदल चूका था। पेशाब की समस्याओं के साथ मेरे शरीर के कई हिस्सों में अक्सर सूजन आने लगी थी, जिसमे पैरों में आई सूजन की वजह से मुझे चलने-फिरने में परेशानी होने लगी थी।

मैं इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाता उससे पहले मुझे तेज बुखार रहने लगा गया जिसकी वजह से मेरी भूख कम होने लग गई। मुझे पहले शुगर की समस्या तो थी लेकिन ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं रहती थी। किडनी खराब होने के कारण अब मेरा ब्लड प्रेशर काफी हाई रहने लगा था जिसके कारण मुझे कई बार उल्टियाँ आने लगी थी। इन सभी की वजह से मैं लगातार काफी कमजोर होता जा रहा था और दवाओं से भी कोई आराम नहीं मिल रहा था, घर वालों ने मुझे एक बड़े अस्पताल में एडमिट करवा दिया जहाँ डॉक्टर ने मुझे कई टेस्ट करवाने को कह दिया। मैंने उसी समय सारे टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें डॉक्टर को दिखाया, जिन्हें देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि शुगर और ज्यादा दवाएं लेने के कारण मेरी किडनी खराब हो गई है जिसकी वजह से मुझे ये सब समस्याएँ हो रही है। डॉक्टर ने मुझसे आगे कहा कि अब मुझे ठीक होने के लिए डायलिसिस करवाना होगा फ़िलहाल मेरी किडनी ठीक करने का यही एक तरीका है। मैंने डॉक्टर के कहने पर और ठीक होने के लिए दुसरे दिन से ही डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया। मैंने करीब 5 महीने तक लगातार हर हफ्ते 2 बार डायलिसिस करवाया पर उससे मुझे कोई फायदा नहीं मिला। फिर एक दिन डॉक्टर ने मुझसे कहा कि मुझे अब डायलिसिस छोड़ किडनी ट्रांसप्लांट करवा लेना चाहिए मैं उसी से ठीक हो सकता हूँ।

मैंने डॉक्टर के कहने पर किडनी ट्रांसप्लांट की तैयारी करनी शुरू कर दी, जिसके दौरान मैं अपने एक पुराने दोस्त मिला। मेरे दोस्त को जब मेरे किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में पता चला तो उसने मुझे एक बार आयुर्वेदिक उपचार लेने को कहा। उसने मुझे बताया कि दिल्ली के कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल में बिना डायलिसिस के ही खराब हुई किडनी ठीक किया जाता है। मैं उसके जोर देने पर कुछ दिनों में कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल चला गया और डॉ. पुनीत धवन से मिला। मैंने उनको अपनी सभी रिपोर्ट्स दिखाई, जिन्हें देखने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे किडनी तट्रांसप्लांट की कोई जरुरत नहीं है मैं बस आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक हो जाऊंगा। मैंने घर जाते ही ठीक होने की उम्मीद में डॉ. पुनीत धवन की सभी बात मानते हुए दवाएं लेनी शुरू कर दी और उनका दिया हुआ डाइट प्लान भी फॉलो करना शुरू कर दिया। आयुर्वेदिक दवाएं लेने से मुझे कुछ ही महीनों में अपने अंदर काफी सुधार नज़र आने लगे, जैसे पेशाब से जुड़ी समस्याएँ खत्म होने लगी, भूख लगने लगी, सूजन चली और शुगर लेवल भी काबू में आने लगा। मुझे महीने भर में ही सारी समस्याओं से छुटकारा मिलने लगा और मैं कुछ ही महीनों में मेरी खराब हुई किडनी एक दम ठीक हो गई, जिसकी मैं उम्मीद भी छोड़ चूका था। अगर आज मैं जिन्दा हूँ तो केवल डॉ. पुनीत धवन के कारण, सच कहूँ तो ये मेरे लिए किसी भगवान से कम नहीं है।

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