आज डॉ. पुनीत धवन की वजह से जीवित हूँ

नमस्कार, मेरा नाम शुभम त्रिपाठी है और मैं बिजनौर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ। मैं बीते कई सालों से हाई ब्लड प्रेशर की समस्यासे जूझ रहा था, जिसकी वजह से दो साल पहले मेरी किडनी खराब हो गई थी। मैंने अपनी खराब हुई किडनी को ठीक करने के लिए कई महीनों तक डायलिसिस भी करवाया था

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, मुझे लगता था कि मैं इससे ठीक हो जाऊंगा। लेकिन मैं गलत था, क्योंकि डायलिसिस से मेरी तबियत में कोई सुधार तो आया नहीं उल्टा मेरी हालत पहले से ज्यादा खराब हो गई। अब डॉक्टर मेरी लगातार खराब होती तबियत को देखते हुए मुझे जल्द से जल्द किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कहने लगे थे, लेकिन मैं इस गंभीर उपचार से बच गया। क्योंकि मैंने अपने एक दोस्त की सलाह मानते हुए डॉ. पुनीत धवन से आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू कर दिया था, जिससे कुछ ही महीनों में मेरी किडनी ठीक हो गई।

मुझे बचपन से ही नॉन वेज खाने का बहुत ज्यादा शौक था, लेकिन मुझसे नॉन वेज ठीक से पचाया नहीं जाता था जिसकी वजह से मुझे अक्सर पेट से जुड़ी समस्या हो जाती थी। पेट खराब होने की वजह से मैं अक्सर कोई न कोई दवा लिया करता था और चूर्ण को तो हमेशा साथ में ही लिया रखता था और इसी वजह से मेरा ब्लड प्रेशर अक्सर हाई हो जाता था। शुरुआत में तो मैंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, लेकिन जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ती गई वैसे-वैसे मेरी परेशानी भी बढ़ती चली गई। इस बीच जब भी मेरा ब्लड प्रेशर काफी ज्यादा हाई हो जाता था तो मैं उसे दवा लेकर काबू में कम किया करता था, लेकिन कई बार स्थिति ज्यादा खराब होने पर मुझे हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ता था। कुछ साल ऐसे ही बीतने पर मैंने ब्लड प्रेशर की दवाएं रोजाना लेना शुरू कर दिया, जिससे मुझे ब्लड प्रेशर में काफी आराम मिलने लगा था। लेकिन मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि जिन दवाओं को मैं ठीक होने के लिए ले रहा हूँ वहीं दवाएं एक दिन मेरी किडनी खराब होने का कारण बनने वाली है। किडनी खराब होने से पहले मुझे ब्लड प्रेशर की दवाएं लेते हुए काफी साल बीत चुके थे, लेकिन दवाओं के साथ परहेज ना करने की वजह से मुझे दवाओं से आराम मिलना काफी कम हो चूका था और शायद किडनी खराब होने का यही पहला लक्षण था, पर मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

जब मेरी किडनी खराब हुई तबी उसके करीब दो तीन साल पहले मुझे ब्लड प्रेशर की दवाओं से आराम मिलना काफी कम हो चूका था, जिसको देखते हुए डॉक्टर ने मुझे दवाएं बदलने की सलाह दी और साथ में जल्द से जल्द डाइट में बदलाव करने की सलाह। अब मैंने दवाएं तो बदल ली लेकिन मेरे लिए खाने में बदलाव कर पाना काफी मुश्किल था, जिसकी वजह से आखिर में मेरी किडनी खराब हो गई और फिर शुरू हुआ मेरे जीवन का सबसे बड़ा बुरा दौर। जब मेरी किडनी खराब हुई तब उसके करीब महिना भर पहले अचानक से मेरी तबियत खराब रहने लग गई थी जिस पर शुरुआत के दिनों में मैंने कोई ध्यान नहीं दिया। क्योंकि ब्लड प्रेशर हाई रहने और बढ़ती उम्र के कारण मुझे अक्सर ऐसी छोटी-मोटी समस्याएँ हो जाती थी, लेकिन जब समस्याएँ बढ़ती गई और मेरी तबियत और भी ज्यादा खराब रहने लगी तब मुझे लगा कि बात कुछ और है। मेरा शरीर अंदर से मुझे साफ-साफ कह रहा था कि अब मेरी किडनी खराब हो चुकी है, लेकिन मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। किडनी के खराब होने पर मुझे सबसे पहले पेशाब से जुड़ी समस्याएँ होनी शुरू हुई थी, जिसपर अक्सर लोगो का ध्यान भी नहीं जाता। मुझे कम पेशाब आने लगा था, पेशाब का रंग बदलने लगा, झागदार और बदबूदार पेशाब आने लगा था, इसके अलावा मेरे पेशाब का रंग भी काफी बदल चूका था।

पेशाब की समस्या के अलावा मेरे चेहरे, कमर के आसपास और पैरों में सूजन आने लगी थी। पैरों और कमर के में आई सूजन की वजह से मुझे चलने फिरने में काफी परेशानी होने लगी थी। इस बीच मुझे दिन भर में कई बार उल्टियाँ आने लगी थी और जिसके कारण मुझे खाना खाने का बिलकुल भी दिल नहीं करता था और अगर मैं जबरदस्ती खाना खा भी लेता था तो मुझे तुरंत ही उल्टी आ जाती थी, जिसकी वजह से मैं काफी कमजोर हो गया था। इस दौरान मुझे लगातार बुखार भी रहने लग गया था, डॉक्टर मुझे हर दिन कोई न कोई दवाएं देते रहते थे, लेकिन उनसे कोई आराम नहीं मिल रहा था, बस मैं लगातार पहले से कमजोर होता जा रहा था। फिर एक दिन मैं कमजोरी के कारण बेहोश हो गया तब घर वालों ने मुझे एक बार फिर हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया, जहाँ होश आने पर डॉक्टर ने मुझे कई टेस्ट करवाने को कहा, मैंने उसी समय सारे टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स डॉक्टर को दिखाई। मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि हाई ब्लड प्रेशर और ज्यादा दवाएं लेने की वजह से मेरी किडनी खराब हो चुकी है इसलिए मुझे ये सभी समस्याएँ हो रही है। डॉक्टर ने मुझसे आगे कहा कि अब मुझे ठीक होने के लिए जल्द से जल्द डायलिसिस शुरू करवाना होगा, नहीं तो मेरी हालत और भी ज्यादा खराब हो सकती है। मैंने डॉक्टर के कहे अनुसार ठीक होने के लिए डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया, जिससे मुझे काफी तालीफ़ हुई।

मैंने डायलिसिस के दर्द को करीब 6 महीने तक यानि आधे साल तक सहन किया, क्योंकि मुझे लग रहा कि मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा लेकिन मुझे कोई फायदा नहीं मिला। अब डॉक्टर मुझे जल्द से जल्द किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कहने लगे थे, उनका कहना था कि अगर ट्रांसप्लांट नहीं कराया तो मेरे पास अब ज्यादा समय बाकी नहीं है, ये बात सुन कर मैं हार मान चूका था लेकिन उम्मीद अभी बाकी थी। एक दिन मेरे दोस्त ने मुझे एक दिन नेट से देख कर मुझे बताया कि आयुर्वेदिक दवाओं से भी किडनी को ठीक किया जा सकता है और वो भी बिना डायलिसिस के। उसने बताया कि दिल्ली में ही कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल है और वहां बिना डायलिसिस के ही किडनी ठीक की जाती है, उसने मुझे एक बार यहाँ जाने की सलाह दी। मैंने अपने दोस्त की बात मानी और मैं कुछ ही दिनों में कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल चला गया जहाँ मैं डॉ. पुनीत धवन से मिला। मैंने उनको अपनी सारी रिपोर्ट्स दिखाई, जिन्हें देखने के बाद उन्होंने मुझे बताया कि मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा बस आयुर्वेदिक दवाएं ठीक से लेनी होगी, डाइट का ख्याल रखना होगा साथ ही शराब पीना हमेशा के लिए बंद करना होगा।मैंने घर आते ही डॉ. पुनीत धवन के कहे अनुसार आयुर्वेदिक दवाएं लेनी शुरू कर दी जिससे मुझे हफ्ते भर में ही अपने अंदर काफी सुधार दिखाई देने लगे, मुझे सभी समस्याओं से छुटकारा मिलने लगा और कमजोरी दूर होने लगी। ऐसे ही देखते ही देखते मैं कुछ ही महीनों में एक दम ठीक हो गया और वो भी बिना डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट करवाएं। आज मैं एक दम स्वस्थ हूँ और अब मुझे शुगर की भी कोई समस्या नहीं है।

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