डॉक्टर की सलाह ना मानाने से हुई मेरी किडनी खराब
नमस्कार, मेरा नाम विक्रम सिंह चड्डा है और मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ। दो साल पहले मेरी किडनी खराब हो गई थी क्योंकि मैं बहुत बीते कई सालों से बहुत ज्यादा मीठा खा रहा था। किडनी के खराब हो जाने की वजह से मुझे बहुत सारी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा था, जिनसे मुझे जल्द से जल्द छुटकारा चाहिए था लेकिन ऐसा कर पाना बहुत मुश्किल था। मैंने अपनी किडनी ठीक करने के लिए कई महीनों तक डॉक्टर की सलाह मानते हुए डायलिसिस भी करवाया था लेकिन उससे मुझे कोई फायदा नहीं मिला उल्टा इसकी वजह से मेरी हालत और ज्यादा खराब होती जा रही थी। डायलिसिस के दर्द को सहन कर पाना बहुत ज्यादा मुश्किल है, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार से मुझे इससे छुटकारा दिलवा दिया था। जब मैंने अपने दोस्त की सलाह मानते हुए डॉ. पुनीत धवन से आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू किया तब कहीं जाकर मैं ठीक हो सका और आज एक स्वस्थ जीवन जी पा रहा हूँ।
मुझे शुगर की बीमारी ज्यादा मीठा खाने की मेरी आदत की वजह से हुई थी। मुझे बचपन से ही मीठी चीजें खाने का बहुत ज्यादा पसंद थी जिसकी वजह से मुझे शुगर की बीमारी हुई। जब मुझे इस बारे में जानकारी मिली कि मुझे शुगर हुआ है तो डॉक्टर ने मुझे उसी समय मीठे से दूर रहने की सलाह दी ताकि मेरा शुगर लेवल काबू में रहें। डॉक्टर ने मुझसे उस समय कहा था कि अगर अब मैंने अपने खाने पीने में काबू करूँगा तो ये समस्या अभी यही खत्म हो जायगी और मुझे दवाओं की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। डॉक्टर की बातें मानते हुए मैंने कुछ महीनों तक तो अपने खाने पीने में काफी काबू रखा लेकिन फिर उसके बाद मेरा सब्र का बाँध टूट गया और मैंने फिर से मीठी चीज़े खानी शुरू कर दी। जिसकी वजह से डॉक्टर ने मुझे परहेज के साथ-साथ दवाएं लेने के लिए भी कहा और साथ में परहेज करने के लिए भी कहा। शुरुआत में तो मुझे शुगर की दवाओं से काफी आराम मिला लेकिन, परहेज ना करने की वजह से मेरा शुगर लेवल इतना काबू में नहीं रहता था, जिसके चलते मुझे इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने शुरू करने पड़े। इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने से मेरा शुगर लेवल काफी काबू में आ चूका था जिससे मुझे काफी मिल रहा था पर मुझे ये बिलकुल भी नहीं पता था कि अब मेरी किडनी खराब हो चुकी है।
Ayurvedic Kidney Treatment Hospital
मेरी किडनी के खराब होने से पहले डॉक्टर मुझे कई बार इसके बारे में आगाह कर चुके थे कि अगर मैंने अपने खाने पीने में काबू नहीं किया तो इससे मेरी किडनी भी खराब हो सकती है, जिसे ठीक कर पाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होगा।लेकिन मैंने डॉक्टर की इस चेतावनी पर कोई ध्यान नहीं और ऐसे ही बिना कोई परहेज किये दवाएं लेता रहा और इसका नतीजा वही रहा जिसको लेकर डॉक्टर हमेशा मुझे आगाह करते रहते थे यानी किडनी फेल्योर। जब मेरी किडनी खराब हुई तो उसके करीब दो हफ्ते पहले मेरी तबियत अचानक से खराब होने लगी जिसको मैंने नज़रंदाज कर दिया, क्योंकि मुझे लगा कि ये सब परेशानियाँ बढ़ती उम्र के कारण है। मुझे सबसे पेशाब से जुड़ी समस्याएँ होनी शुरू हुई थी, एक दिन मैंने ध्यान दिया कि मुझे पेशाब करते हुए थोड़ी जलन हो रही है तो मैंने उस दौरान उस पर कोई ध्यान नहीं दिया। लेकिन इसके बाद तो हर बार जलन बढती चली गई और अब जलन के साथ-साथ मेरे पेशाब का रंग भी काफी बदल चूका था और पेशाब से काफी बदबू भी आने लगी थी। मैं अपनी इस समस्या से छुटकारा पाता उससे पहले ही मेरे पैरों में सूजन आने लग गई जिसको देख कर मुझे लगा कि ये तो शुगर वालो को अक्सर हो ही जाती है। लेकिन मैं गलत था क्योंकी तमाम कोशिशों के बाद भी मेरे पैरों में आई सूजन नहीं जा रही थी उल्टा बढ़ती ही जा रही थी।
इन दिनों मेरा ब्लड प्रेशर भी हाई रहने लग गया था जो कि एक दम नया था, क्योंकि मुझे आज से पहले कभी भी हाई या लो ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं हुई थी। इस दौरान मेरा ब्लड प्रेशर इतना ज्यादा हाई रहने लगा था कि मुझे दवाएं लेने पर भी इस समस्या में राहत नहीं मिल रही थी, बल्कि इसकी वजह से मुझे दिन में कई बार उल्टियाँ आने लगी थी। दिन में कई बार उल्टियाँ आने की वजह से मुझे कुछ भी खाने का दिल नहीं करता था और इसी वजह से मैं काफी कमजोर होता जा रहा था, वहीं डॉक्टर बस दवाओं पर दवाएं दिए जा रहे थे। पर जब मुझे पास के डॉक्टर्स से कोऊ आराम नहीं मिला तो मैं शहर के बड़े अस्पताल में चला गया जहाँ जाते ही डॉक्टर ने मेरी कुछ जांच की और मुझे जल्द से जल्द कई टेस्ट करवाने के लिए कहा। मैंने उसी दिन डॉक्टर के बताएं हुए सभी टेस्ट करवाए और जैसे ही उनकी रिपोर्ट्स आई मैंने उन्हें डॉक्टर को दिखाया। मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि शुगर की वजह से मेरी किडनी खराब हो चुकी है इसी वजह से मुझे ये सभी समस्याएँ हो रही है। डॉक्टर ने मुझसे आगे कहा कि मुझे अब ठीक होने के लिए डायलिसिस करवाना होगा अब मेरी किडनी इसी से ठीक हो सकती है।
मैंने डॉक्टर की सलाह मानते हुए और कोई दूसरा चारा ना होने की वजह से मैंने कुछ दिनों बाद से ही डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया।जब मेरा पहला डायलिसिस हुआ तब मुझे काफी तकलीफ हुई वो तो डॉक्टर ने मुझे इस बारे में पहले ही बता दिया था तो मैं इसके लिए तैयार था। मुझे लगा था कि मैं एक दो डायलिसिस के बाद जल्द ही ठीक हो जाऊंगा, पर मैं इस मामले में एक दम गलत था। मैंने अपनी किडनी ठीक होने की उम्मीद में करीब चार महीने से भी ज्यादा समय तक डायलिसिस करवाया जो कि हफ्ते में दो बार हुआ करता था। इतने सारे डायलिसिस में मेरा लाखों रुपया लग चूका था, पर उससे मुझे कोई आराम नहीं मिला उल्टा मेरी हालत इतनी ज्यादा खराब हो चुकी थी कि अब डॉक्टर मुझे जल्द से जल्द किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कहने लग गये थे। डॉक्टर ने परिवार वालो से कहा कि अगर मेरी जान बचानी है तो मुझे जल्द से जल्द किडनी ट्रांसप्लांट करवाना होगा उसी से मैं ठीक हो सकता हूँ, नहीं तो मेरे बचने की कोई खास उम्मीद नहीं है। मेरे घर वाले डॉक्टर की ये बार सुनकर काफी उदास थे और वह सभी मेरे ओपरेशन के लिए तयारी भी करने लग गये थे।
इसी बीच एक दिन मेरे एक रिश्तेदार ने मेरे घर वालों को बताया कि दिल्ली में कर्मा आयुर्वेदा नाम से एक हॉस्पिटल है जहाँ बिना डायलिसिस के ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जा सकता है, उन्होंने हमसे कहा कि एक बार आयुर्वेदिक उपचार लेकर देखना चाहिए क्या पता आराम मिल जाए। मेरे घर वाले उनकी बात मान गये और मुझे कुछ ही दिनों में दिल्ली कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल ले आए, जहाँ मेरी मुलाकात डॉ. पुनीत धवन से हुई। मैंने उनको अपनी सभी रिपोर्ट्स दिखाई, जिन्हें देखने के बाद उन्होंने मुझे बताया कि मुझे अब समय से आयुर्वेदिक दवाएं लेनी होगी और साथ में डाइट का भी खास ख्याल रखना होगा जिससे मुझे काफी आराम मिलेगा।मैंने घर आते ही ठीक होने की उम्मीद में डॉ. पुनीत धवन की सभी बात मानते हुए दवाएं लेनी शुरू कर दी और उनका दिया हुआ डाइट प्लान भी फॉलो करना शुरू कर दिया। आयुर्वेदिक दवाएं लेने से मुझे कुछ ही महीनों में अपने अंदर काफी सुधार नज़र आने लगे, जैसे पेशाब से जुड़ी समस्याएँ खत्म होने लगी, भूख लगने लगी, सूजन चली और शुगर भी काबू में आने लगा। मुझे महीने भर में ही सारी समस्याओं से छुटकारा मिलने लगा और मैं कुछ ही महीनों में मेरी खराब हुई किडनी एक दम ठीक हो गई, जिसकी मैं उम्मीद भी छोड़ चूका था। अगर आज मैं जिन्दा हूँ तो केवल डॉ. पुनीत धवन के कारण, सच कहूँ तो ये मेरे लिए किसी भगवान से कम नहीं है।
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