ज्यादा मीठा खाने की आदत से हुई मेरी किडनी खराब
नमस्कार, मेरा नाम नवीन सिंह है और मैं रेवाड़ी, हरियाणा का रहने वाला हूँ। दो साल पहले मेरी किडनी खराब हो गई थी क्योंकि मैं बीते कई सालों से शुगर की बीमारी से जूझ था। किडनी के खराब हो जाने की वजह से मुझे बहुत सारी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा था, जिनसे मुझे जल्द से जल्द छुटकारा चाहिए था लेकिन ऐसा कर पाना बहुत मुश्किल था। मैंने अपनी किडनी ठीक करने के लिए कई महीनों तक डॉक्टर की सलाह मानते हुए डायलिसिस भी करवाया था लेकिन उससे मुझे कोई फायदा नहीं मिला उल्टा इसकी वजह से मेरी हालत और ज्यादा खराब होती जा रही थी। डायलिसिस के दर्द को सहन कर पाना बहुत ज्यादा मुश्किल है, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार से मुझे इससे छुटकारा दिलवा दिया था। जब मैंने अपने दोस्त की सलाह मानते हुए डॉ. पुनीत धवन से आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू किया तब कहीं जाकर मैं ठीक हो सका और आज एक स्वस्थ जीवन जी पा रहा हूँ।
किडनी के खराब होने के पहले से ही मैं बीते कई सालों से शुगर की बीमारी से जूझ रहा था, जिससे आराम पाने के लिए मैं दवाएं लेता था, पर मैंने डाइट में कोई बदलाव नहीं किया था। मुझे बचपन से ही मीठा खाने का बहुत शौक था, जिसके कारण से ही मुझे कॉलेज के दिनों में शुगर की की बीमारी होने के लक्षण दिखाई देने लग गये थे और एक बार जब मेरा शुगर लेवल काफी ज्यादा हाई हुआ तो कुछ जांच द्वारा इसकी पुष्टि हुई कि मुझे शुगर की बीमारी है।एक बार शुगर की पुष्टि होने के बाद डॉक्टर ने मुझसे उस दौरान दवाएं लेने की सलाह दी और दवाओं के साथ-साथ डाइट में बदलाव करने की भी सलाह दी थी। डॉक्टर ने मुझे बताया कि अगर मुझे शुगर को काबू में रखना है तो मुझे दवाओं के साथ परहेज पर भी खास ख्याल रखना होगा, नहीं तो मुझे दवाओं से आराम मिलना बंद हो जायगा और इसकी वजह से मेरी हालत और भी ज्यादा खराब हो जायगी।मैंने डॉक्टर की सलाह मानते हुए अपनी डाइट में कुछ बदलाव किये और साथ में डॉक्टर की दी हुई दवाएं भी लेनी शुरू कर दी, जिससे मुझे इस बीमारी में काफी आराम मिला।लेकिन मेरे लिए मीठे से लंबे समय के लिए दूर रह पाना काफी मुश्किल था, जिसकी वजह से मैं धीरे-धीरे परहेजों को लेकर काफी लापरवाह होता चला गया और इसके कारण मेरा शुगर लेवल बढ़ने लग गया।परहेज न करने और उम्र बढ़ने के कारणअब शुगर की बीमारी भी बढती जा रही थी, यही कारण था कि मुझे दवाओं के साथ अब इन्सुलिन के इंजेक्शन भी लेने शुरू करने पड़े थे।
मैंने इन्सुलिन के इंजेक्शन किडनी खराब होने के करीब छः महीने पहले ही लेने शुरू किये थे, जिससे मुझे काफी आराम मिलने लगा था। अब मैं काफी खुश तक कि अब मेरा शुगर कण्ट्रोल में रहने लगा था, लेकिन मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि ये तूफान से पहले की शांति है।जब किडनी खराब होने के लक्षण दिखाई देने लगेजिसकी शुरुआत पैरों में सूजन के आने से हुई थी। एक दिन जब मैं अपने घर मे आराम कर रहा था तो मैंने देखा कि मेरे पैरों में काफी सूजन आई हुई है। दो दिन बाद वो सूजन इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि मुझसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था, डॉक्टर से बात की तो उन्होंने मुझे दवाएं दी और मालिश करने के लिए कहा पर कोई फायदा नहीं मिला। इन्हीं दिनों मुझे पेशाब से जुड़ी कई सारी समस्याएँ भी रहने लग गई थी, जैसे कि मुझे पेशाब करते हुए काफी जलन होने लग गई थी, पेशाब करते हुए काफी जोर लगाना पड़ता था और फिर भी बहुत कम पेशाब आता था। इसके अलावा पेशाब का रंग लाल होता जा रहा था और पेशाब से काफी बदबू भी आने लग गई थी। इन दिनों मेरा शुगर लेवल पहले के मुकाबले काफी ज्यादा हाई रहने लग गया था जो कि इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने पर भी काबू में नहीं आ रहा था। पेट फुला हुआ रहने लगा था और दिन में कई बार उल्टियाँ भी आने लगी थी। मैं कुछ ही दिनों में काफी कमजोर हो चूका था और दवाएं लेने पर भी कोई आराम नहीं मिला रहा था, जिसकी वजह से घर वालों ने मुझे एक बड़े अस्पताल में एडमिट करवा दिया था।
हॉस्पिटल में जाते ही डॉक्टर ने मुझे कई सारे टेस्ट करवाने के लिए कहा। मैंने उसी दिन डॉक्टर के बताए हुए सभी टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें डॉक्टर को दिखाया। मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि ज्यादा दवाएं लेने और शुगर की वजह से मेरी किडनी खराब हो चुकी है इसी वजह से मुझे ये सभी समस्याएँ हो रही है। डॉक्टर ने मुझे आगे बताया कि अब मुझे केवल और केवल डायलिसिस करवाना होगा, जिससे मैं ठीक हो जाऊंगा।मैंने डॉक्टर की बातों पर विश्वास करते हुए अगले दिन से ही डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया। जब मेरा पहली बार डायलिसिस हुआ तो मुझे उससे काफी ज्यादा तकलीफ हुई, क्योंकि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि डायलिसिस की वजह से मुझे दर्द का सामना भी करना होगा। लेकिन मेरे सामने दूसरा कोई चारा नहीं था जिसके चलते मैंने आगे इसको चालू रखा और अगले करीब चार महीने से भी ज्यादा समय तक हर हफ्ते दो बार डायलिसिस करवाना जारी रखा। इस दौरान मेरी हालत पहले से भी ज्यादा खराब हो चुकी थी, मैं खुद से अपने बिस्तर से भी नहीं उठ सकता था। मेरी हालत को देखते हुए डॉक्टर मुझे जल्द से जल्द किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कहता था। पर जब मैंने मुझे इसमें आने वाले खर्च के बारे में जानकारी मिली तो मैंने इसके लिए तुरंत ही इंकार दिया, क्योंकि मुझे नहीं लगता था कि मैं बच पाउँगा तो इतना खर्च क्यों करना। लेकिन वो कहते हैं न डूबते को तिनके का सहारा मिलना, उस दौरान मेरे साथ भी यही हुआ।
एक दिन जब मैं अपने घर में आराम कर रहा था तो मेरे एक पडोसी मुझसे मिलने आए और उन्होंने मुझे एक बार आयुर्वेदिक उपचार लेने की सलाह दी। उन्होंने मुझे बताया कि दिल्ली में कर्मा आयुर्वेदा नाम से एक हॉस्पिटल है जहाँ बिना डायलिसिस के ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जाता है और मुझे एक बार तो यहाँ पर जाना चाहिए क्या पता मुझे आराम मिल जाए। मुझे लगा कि एक बार तो यहाँ जाना चाहिए क्या पता आराम मिल जाए। बस फिर क्या था मैं कुछ ही दिनों में रेवाड़ी से दिल्ली के कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल पहुंचा जहाँ मेरी मुलाकात डॉ. पुनीत धवन से हुई जो कि हॉस्पिटल के निदेशक भी है। मैंने उनको अपनी सभी रिपोर्ट्स दिखाई जिन्हें देखने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि अब मुझे अगर ठीक होना है तो मुझे अपने खाने पीने का खास ख्याल रखना होगा और समय से आयुर्वेदिक दवाएं लेनी होगी, इतना ही नहीं मुझे रोजाना योग भी करना होगा, नहीं तो मुझे ठीक होने में काफी समय लग सकता है।बस फिर क्या था, मैंने घर आते ही डॉ. पुनीत धवन के कहे अनुसार उनकी दी हुई आयुर्वेदिक दवाएं लेनी शुरू कर दी, जिससे मुझे महीने भर में ही अपने अंदर काफी सुधार नज़र आने लग गये। मुझे पेशाब खुलकर आने लग गया, पेशाब करते हुए मुझे कोई परेशानी नहीं हो रही, शरीर से सूजन जाने लग गई जिसकी वजह से मुझे पहले चलने में परेशानी हो रही थी।इतना ही नहीं अब मेरा डायलिसिस भी बंद हो चूका था जो कि पहले सप्ताह में दो से तीन बार होता था, साथ ही साथ अब मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की भी कोई चिंता नहीं थी। आज मैं और मेरी खराब हुई किडनी दोनों एक दम स्वस्थ है और ये सब डॉ. पुनीत धवन और उनकी आयुर्वेदिक दवाओं की वजह से हुआ है, नहीं तो मैं कब का मर चूका होता।
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