अब मैं कभी भी ग्रीन टी नहीं पीने वाली - Now I'm never going to drink green tea

मेरा नाम प्रियंका किशोर है और मैं उत्तर प्रदेश के नॉएडा में रहती हूँ।दो साल पहले मेरी एक किडनी खराब खराब हो गई थी। वैसे तो मैं अपनी सेहत का काफी ध्यान रखती हूँ, लेकिन फिर भी मेरी किडनी खराब हो गई। मैं ग्रीन-टी पीने कि बहुत शौकीन हूँ और यही मेरी किडनी खराब होने का कारण भी बना। बहुत से लोगो का मानना है कि ग्रीन-टी  सेहत के लिए काफी अच्छी होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। ग्रीन-टी  पीने से वजन कम होने में मदद तो जरूर मिलती है, लेकिन इससे काफी नुकसान भी होते हैं।

 


मुझे भी पहले ऐसा ही लगता था कि ग्रीन-टी पीना सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन जब ग्रीन-टी पीने के कारण मेरी किडनी खराब हुई तब मुझे इस बारे पता चला। मैं एक दिन में तक़रीबन 5 से 6 तक ग्रीन-टी  पी जाती थी। ग्रीन-टी पीने के चलते मेरा ब्लडप्रेशर हाई रहने लगा था, जिस पर मैंने कभी ध्यान नहीं था और यही मेरी सबसे बड़ी खामी रही। ग्रीन-टी पीने से मेरा वजन तो कम हो रहा था, लेकिन मुझे और भी कई दिक्कते होना शुरू हो चुकी थी। मुझे पेशाब से जुड़ी हुई कई दिक्कते रहने लगी थी, मुझे अधिक पानी पीने के बाद भी काफी कम पेशाब आता था और कभी-कभी तो जलन भी होने लग जाती थी। जिसके लिए मैंने दवाएं भी लेकिन कोई खास आराम नहीं मिला, लेकिन मैंने ग्रीन-टी पीना बंद नहीं किया। इस बीच मेरा ब्लडप्रेशर भी काफी हाई रहे लगा था और मेरी तबियत अक्सर खराब रहने लगी थी। मुझे काफी उल्टियाँ आने लगी थी और मैं काफी कमजोर होती जा रही थी। धीरे-धीरे मेरी भूख भी काफी कम होने लगी थी, जिसके कारण मैं काफी कमजोर हो चुकी थी।

Ayurvedic Treatment for Reducing High Creatinine Level

मैंने इन सबके लिए दवाएं लेना शुरू किया लेकिन मुझे कोई खास आराम नहीं मिल रहा था। मैंने फिर किसी बड़े डॉक्टर से मिलने की सोची और मैं चंडीगढ़ चली गई। चंडीगढ़ में मैं एक निजी अस्पताल गई और डॉक्टर से मिली, उन्होंने मेरी जांच करते हुए मुझसे कहा कि आपका ब्लडप्रेशर तो काफी हाई है ये हमेशा रहता है या तबियत खराब होने के कारण हुआ है? मैंने उनको बताया कि नहीं काफी समय से ब्लडप्रेशर हाई रहता है, फिर उनको बातों से बातों में बताया कि मुझे ग्रीन-टी पीने कि आदत है और मैं एक दिन में करीब-करीब 6 ग्रीन-टी पी जाती हूँ। डॉक्टर ने मेरी ये बात सुनते ही मुझे बताया कि ग्रीन-टी पीने से फायदे कम है और नुक्सान ज्यादा है, इससे हाई ब्लडप्रेशर, यूरिन और किडनी प्रॉब्लम हो सकती है और ऐसा लगता है कि आपकी किडनी खराब हो गई है। डॉक्टर ने मुझे तुरंत कुछ टेस्ट करवाने को बोला और मुझे तुरंत एडमिट कर लिया गया और शाम तक मेरे सारे टेस्ट कि रिपोर्ट्स भी आ गई। रिपोर्ट्स में वही आया जिस बारे में डॉक्टर ने मुझे बताया था, मेरी एक किडनी खराब होने कि कगार पर थी। रिपोर्ट्स के अनुसार मेरा क्रिएटिनिन 8 से थोडा ज्यादा था, जो किडनी खराब करने के लिए काफी था।

डॉक्टर ने मुझे तुरंत ही डायलिसिस शुरू करने को कहा, मैं डायलिसिस के लिए राज़ी तो नहीं थी लेकिन मुझे इसके लिए हाँ करना पड़ा। मेरा हर हफ्ते दो बार डायलिसिस होना शुरू हो गया। बाद में  मेरी तबियत में हल्का सुधार देख कर हफ्ते में एक बार डायलिसिस होने लगा। लेकिन इतने डायलिसिस होने के बाद भी मेरी तबियत में कोई खास सुधार नज़र नहीं आ रहा था, डॉक्टर से इस बारे में बात करने पर पता चला कि ये पूरी उम्र भर चलने वाला इलाज है। इस बीच मेरी मम्मी को एक ऐसी चीज़ के बारे में पता चला जिस पर विश्वास करना बहुत मुश्किल था, लेकिन इसके सिवाय दूसरा कोई चारा था भी नहीं मुझे डायलिसिस को चालू रखना ही था।पर कुछ ही हफ़्तों में मेरी मम्मी ने मुझे बताया कि दिल्ली में कर्मा आयुर्वेदा नाम से किडनी फेल्योर के लिए एक आयुर्वेदिक हॉस्पिटल है, जो बिना डायलिसिस के ही किडनी को ठीक करते हैं। उन्होंने मुझे कर्मा आयुर्वेदा से जुड़ी कई साड़ी विडियो भी दिखाई जिसे देखने के बाद मुझे यकीन आने लगा। हम दोनों अगली सुबह ही दिल्ली चले गए और सीधा कर्मा आयुर्वेदा पहुंचे। वहां जाने पर हमारी मुलाकात डॉ. पुनीत  से हुई, ये कर्मा आयुर्वेदा के निदेशक है।

डॉ. पुनीत  ने मेरी सारी रिपोर्ट्स देखि और मुझसे एक दो बाते पूछी, उस समय तक मेरा क्रिएटिनिन 8 से घटकर 7 तक आ चूका था, जो कि ज्यादा ही था। उन्होंने मुझे बस दो महीने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं खाने की बात कही और ग्रीन-टी एक दम छोड़ने को कहा, साथ में योग अपनाने कि सलाह भी दी।मैंने घर जाते ही ठीक होने की उम्मीद में डॉ. पुनीत  की सभी बात मानते हुए दवाएं लेनी शुरू कर दी और उनका दिया हुआ डाइट प्लान भी फॉलो करना शुरू कर दिया।आयुर्वेदिक दवाएं लेने से मुझे कुछ ही महीनों में अपने अंदर काफी सुधार नज़र आने लगे, जैसे पेशाब से जुड़ी समस्याएँ खत्म होने लगी, भूख लगने लगी, ब्लड प्रेशर काबू में आने लगा और उल्टियाँ भी आनी बंद हो गई। मुझे महीने भर में ही सारी समस्याओं से छुटकारा मिलने लगा था, साथ ही साथ अब मेरा ब्लड प्रेशर लेवल भी काबू में आने लगा था। मैं कुछ ही महीनों में मेरी खराब हुई किडनी एक दम ठीक हो गई, जिसकी मैं उम्मीद भी छोड़ चुकी थी। जब मैंने कर्मा आयुर्वेदा की आयुर्वेदिक दवाएं लेनी शुरू की तब मेरा क्रिएटिनिन लेवल 7 था पर जब मुझे यहाँ की दवाएं लेते हुए तीन महीने ही हुए थे तब मेरा क्रिएटिनिन लेवल 1 तक आ चूका था और इतना ही नहीं इस बीच मेरा डायलिसिस होना भी बंद हो चूका था, जिसके बंद होने की मैं उम्मीद छोड़ चुकी थी, अगर आज मैं जिन्दा हूँ तो केवल डॉ. पुनीत  के कारण नहीं तो मैं कब की मर चुकी होती

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