वंशानुगत किडनी रोग का करना पड़ा सामना - Had to Face Hereditary Kidney Disease

नमस्कार मेरा नाम तरुण वर्मा है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। दो साल पहले मुझे किडनी से जुडी हुई एक बीमारी हो गई थी, जिसे पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के नाम से जाना है। किडनी की इस बीमारी में किडनी के ऊपर तरल से भरे बुलबुले बन जाते हैं, मेरे दादा जी को भी किडनी की बीमारी थी। लेकिन हमें यह नहीं मालूम था कि किडनी की बीमारी शुगर की तरह वंशानुगत भी हो सकती है। इस बारे में मुझे उस समय जानकारी मिली जब मुझे किडनी के ये बीमारी हो चुकी थी।


मैं हमेशा से ही अपने खाने पीने का खास ख्याल रखता था और योगासन भी करता इसके कारण मैं बहुत ही कम बीमार पड़ता था। लेकिन फिर अचानक से मुझे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहने लगी, मेरा ब्लड प्रेशर अचानक से बढ़ने लगा, जिसके कारण मुझे कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। एक दो बार तो मुझे इसके कारण हॉस्पिटल में भी एडमिट होना पड़ा जहाँ पर डॉक्टर ने मुझे इसके लिए दवाएं खाने को कहा।

इन्हीं दिनों मुझे पेट और कमर में दर्द रहने लगा, पहले तो मुझे ये सब पथरी के दर्द की तरह लग रहा था। मेरी हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही थी, जिसके कारण घर वालों ने मुझे एक निजी अस्पताल में एडमिट करवा दिया, जहाँ पर डॉक्टर ने मुझे कई सारे टेस्ट करवाने को कहा। मैंने सारे टेस्ट करवा लिए और रिपोर्ट्स डॉक्टर को दिखाई। डॉक्टर ने मेरी सारी रिपोर्ट्स देखने के बाद मुझसे पूछा कि क्या मेरे घर में पहले किसी को किडनी से जुडी हुई कोई समस्या रही है तो मैंने उनको बताया कि मेरे दादा जी मृत्यु किडनी खराब होने से हुई थी। फिर डॉक्टर ने मुझे बताया कि मुझे पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज है, ये एक वंशानुगत बीमारी है जो अपने आप हो जाती है।

डॉक्टर ने मुझसे आगे कहा कि अब मुझे जल्द से जल्द डायलिसिस शुरू करना होगा नहीं तो किडनी खराब भी हो सकती है। मैंने इसके लिए हाँ कर दिया और कुछ ही दिनों में मेरी किडनी को ठीक करने के लिए डायलिसिस होना शुरू हो गया। मैंने तक़रीबन पांच महीने के लिए लगातार हर हफ्ते तीन से चार बार डायलिसिस करवाया लेकिन मुझे इससे कोई आराम नहीं मिल रहा था। डॉक्टर अब मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कहने लगे थे।

एक दिन मैं अपने घर में ही आराम कर रहा था और पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के बारे में नेट पर देख रहा था, तभी मुझे पता चला कि आयुर्वेदिक दवाओं की मदद से इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। मैंने इस बारे में और देखा तो मुझे कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल के बारे में पता चला जो कि दिल्ली में ही है। नेट पर देखने पर मुझे पता चला कि कर्मा आयुर्वेदा में पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज को बिना डायलिसिस के ही ठीक किया जाता है। मैंने इस बारे में अपने घर वालों को बताया और अगले ही दिन कर्मा आयुर्वेदा जाने का मन बना लिया।

How to reduce uric acid with Ayurveda?

कर्मा आयुर्वेदा पहुँचने पर मेरी मुलाकात अस्पताल के निदेशक डॉ. पुनीत जी से हुई, मैंने उनको अपनी सारी रिपोर्ट्स दिखाई और उनको अपने बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद मुझे बताया कि मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा बस मुझे समय पर आयुर्वेदिक दवाएं लेनी होगी और खाने पीने का खास ध्यान रखना होगा। मैंने घर आकर डॉ. पुनीत जी की दी हुई आयुर्वेदिक दवाएं लेना शुरू कर दी और उनका दिया हुआ डाइट प्लान भी फॉलो करना शुरू कर दिया। मुझे कुछही महीनों के भीतर ही अपने अंदर सुधार नज़र आने लगे। आज मैं एक दम स्वस्थ हूँ और मुझे अब किडनी से जुडी हुई कोई बीमारी नहीं है।

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