आयुर्वेदिक दवाएं लेने से मिला डायलिसिस से छुटकारा - Get Rid of Dialysis By Taking Ayurvedic Medicines
मेरा नाम नरेन्द्र सिंह है, मैं रांची, मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरी किडनी खराब हो गई थी जिसके कारण मुझे बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। मैंने अपनी ठीक करने के लिए करीब एक साल तक डायलिसिस करवाया लेकिन मेरी तबियत में कोई खास सुधार नज़र नहीं आ रहा था। मैं हर हफ्ते दो से तीन बार डायलिसिस करवा रहा था, इसके बाद भी डॉक्टर ने मुझे कह दिया था कि आप किडनी ट्रांसप्लांट की तयारी कर लीजिये। तब मुझे ये समझ आ गया कि मैं इससे ठीक नहीं होने वाला।
मुझे ब्लड प्रेशर हाई होने की समस्या थी, जिसके बारे में मुझे जानकारी नहीं थी और मैं शराब भी काफी पीता था। ज्यादा शराब पीने और ब्लड प्रेशर हाई होने के कारण मेरी किडनी कब खराब हुई मुझे इस बारे में पता ही चला, मेरे विचार से तो मेरी किडनी एक दम ही खराब हुई है। मुझे इस बारे में भी खबर नहीं थी कि मुझे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है। हुआ यूँ कि एक बार मेरी तबीयत खराब रहने लगी तो मुझे पता लगा की मेरा ब्लड प्रेशर काफी हाई है और डॉक्टर ने इसके लिए मुझे दवाएं दे दी।
कुछ दिनों में मैं ठीक हो गया लेकिन ये मेरी किडनी खराब होने की शुरुआत थी। इन्हीं दिनों में मैंने महसूस किया कि मेरी भूख काफी कम होती जा रही है और मेरा ब्लडप्रेशर भी अक्सर काफी बढ़ा हुआ रहता है। भूख ना लगने के कारण मैं काफी कमजोर भी होता जा रहा था और मुझे बार-बार उल्टियाँ आने लगी थी, जिसके चलते भी मैं कुछ भी नहीं खा पा रहा था और लगातार कमजोर होता जा रहा था। मेरी बिगडती तबियत को देखते हुए घर वालों ने मुझे असपताल मे एडमिट करवाया, तो वहां पर डॉक्टर ने मुझे कई टेस्ट करवाने को कहा।
Ayurvedic Kidney Treatment without Dialysis
मैंने कि बात मानते हुए सारे टेस्ट करवा लिए, शाम होते होते सभी टेस्ट कि रिपोर्ट्स आ गई जिसे देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे कहा कि शायद आपकी किडनी खराब हो गई है आप किडनी फंक्शन टेस्ट भी करवा लीजिये। मैंने फिर किडनी फंक्शन टेस्ट भी करवा लिए और रिपोर्ट्स में ये साबित हो गया कि मेरी दोनों किडनियां खराब हो चुकी है। डॉक्टर ने मुझे तुरंत ही डायलिसिस शुरू करवाने को कह दिया, उन्होंने मुझसे कहा कि इसके अलावा आपके पास कोई दूसरा चारा नहीं है।
एक दो दिन बाद मेरा डायलिसिस शुरू हो गया जिसके बाद पहले तो मेरी तबियत में कुछ सुधार नज़र आया लेकिन फिर से वाही दिक्कते नज़र आने लगी। मैंने जब इस बारे में डॉक्टर से पूछा तो उन्होंने मुझे कहा कि अब यही आपकी जिंदगी है, जब तक डायलिसिस से जीवन चल रहा है तो ठीक नहीं तो आपको फिर किडनी ट्रांसप्लांट करवाना पड़ेगा। मैंने साल कि शुरुआत में फरवरी में डायलिसिस करवाना शुरू किया था और मुझे डायलिसिस करवाते हुए नवंबर का महिना आ चूका था लेकिन मेरी तबियत में कोई सुधार नहीं आ रहा था।
डायलिसिस करवाने से बस इतना था कि मैं जी रहा था लेकिन मैं एक जिन्दा लाश बन चुका था। अब डॉक्टर ने मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए बोल दिया था क्योंकि मुझे एक महीने से डायलिसिस से कोई असर नहीं हो रहा था। मुझे अब समझ आ चुका था कि अब मैं नहीं बनने वाला, लेकिन भगवान की शायद कुछ और ही मर्जी थी। इस बीच मेरी बेटी को आयुर्वेदिक उपचार के बारे में पता चला। मेरी बेटी ने मुझे बताया कि दिल्ली में किडनी फेल्योर के लिए आयुर्वेदिक उपचार दिया जाता है और वो भी बीना डायलिसिस करवाए।
मेरी बेटी ने मुझे बताया कि इस हॉस्पिटल का नाम कर्मा आयुर्वेदा है और इसे डॉ. पुनीत जी चलाते हैं। हमने जल्द से जल्द दिल्ली जाने की ठानी और आयुर्वेदिक उपचार लेने का मन बना लिया। मैं कुछ ही दिनों में दिल्ली चला गया और सीधा कर्मा आयुर्वेदा पहुंचा, जहाँ पर मेरी मुलाकात डॉ. पुनीत जी से हुई। मैं अपनी सारी रिपोर्ट्स डॉ. पुनीत जी को दिखाई तो उन्होंने मुझे कहा कि आपने इतना सारा टाइम डायलिसिस में क्यों बर्बाद किया आप तो आराम से ठीक हो सकते थे, खैर देर आये दुरुस्त आए।
डॉ. पुनीत जी ने मुझे बस कुछ महीने के लिए ही आयुर्वेदिक दवाएं खाने को कहा और खाने पीने से कुछ सख्त परहेज की बात भी कही। मैंने घर आकर उनकी दी हुई दवाएं लेना शुरू किया तो कुछ ही दिनों में मुझे काफी आराम मिलता नज़र आने लगा। मेरे शरीर में सूजन अब जाने लगी थी और मेरा ब्लडप्रेशर भी कम हो रहा था। सबसे बड़ी बात ये थी कि मुझे अब भूख लगना भी शुरू हो गई थी और मेरा डायलिसिस भी बंद हो चूका था। जो काम डायलिसिस साल भर में नहीं कर पाया वो काम आयुर्वेदिक दवाओं ने कुछ ही दिनों में कर दिखाया। आज मैं एक दम स्वस्थ हूँ और एक आम जीवन व्यतीत कर रहा हूँ, जिस डायलिसिस ने मेरी जिन्दगी मौत के सामना बना दी थी अब उससे छुटकारा पा चूका हूँ।
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